देश की जनता और विपक्ष की निगाहें टिकी है 23 मई यानी कल आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर। जिससे यह साफ होगा कि देश की जनता ने किसके हक में जनादेश दिया है। लेकिन एग्जिट पोल ने जो अनुमान देश की जनता के सामने रखा है उसे विपक्ष तो छलावा मान रहा है लेकिन दूसरी तरफ इन अनुमानों से एनडीए का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर है। इसकी झलक कल एनडीए की बैठक और डिनर पार्टी में भी देखने को मिली, जहां आगे के प्लान की रूपरेखा तक तय कर ली गई।
19 मई की शाम जारी हुए तमाम एग्जिट पोल ने देश में एक बार फिर भगवा लहर की वापसी के संकेत दिए है। जिसके बाद विपक्षी जुट गया गैर बीजेपी मोर्चे की कवायद में। लेकिन लगता है कि बीजेपी और एनडीए ने तो एग्जिट पोल को ही जनता का जनादेश मान लिया है, क्योंकि कल डिनर पार्टी से पहले हुई एनडीए की बैठक में अमित शाह और नरेंद्र मोदी के चेहरे पर खुशी की जो चमक थी वह साफ जाहिर हो रही थी। तभी तो बीजेपी नतीजे आने से पहले ही प्लान 2022 की तैयारी में जुट गई है। ऐसा हम इसीलिए कह रहे हैं क्योंकि कल जब तमाम विपक्षी पार्टियां ईवीएम को बड़ा मुद्दा बनाने में जुटी थी तब अशोका होटल की डिनर पार्टी में एनडीए के सहयोगियों को नरेंद्र मोदी और अमित शाह 2022 का एजेंडा समझा रहे थे। इस पार्टी के जरिए बीजेपी ने अपने तमाम नेताओं को बता दिया कि अगले कार्यकाल में उन्हें किस चीज पर फोकस करना है और किस ट्रैक पर चलना है।
इससे पहले दिल्ली बीजेपी के मुख्यालय में हुई बैठक में कई प्रस्ताव भी पारित हुए। इसमें से कुछ प्रस्ताव मिशन 2022 से जुड़े हैं। आपको यह भी बता दें कि बीजेपी 2022 पर इतना जोर क्यों दे रही है। दरअसल 2022 में देश की आजादी को 75 साल पूरे हो जाएंगे, लिहाजा बीजेपी इस साल ऐतिहासिक बनाना चाहती है। ऐसे में बीजेपी ने कई योजनाओं को 2022 तक पूरा करने का टारगेट तय किया है। राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि विपक्ष के मुकाबले एनडीए का यह प्लान दो कदम आगे चलने का है। लेकिन सवाल यह है कि नतीजे से पहले ही सत्ता में आने का ख्वाब देखना क्या सही है। अब इसे एनडीए का आत्मविश्वास कहेंगे या अहंकार यह तो कल तभी पता चलेगा जब ईवीएम के ताले खुलने शुरू होंगे और नतीजे जनता के सामने आएंगे।
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