जम्मू कश्मीर में अलगाववाद को हवा देने वाले बड़े नेताओं में शुमार यासीन मलिक को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। यासीन मलिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का मुखिया है। समाचार एजेंसी के मुताबिक घाटी में पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को जम्मू कश्मीर में तैनात किया है। हालांकि किसी और नेता को हिरासत में लिए जाने की कोई खबर नहीं है। लेकिन यासीन मलिक की गिरफ्तारी इसलिए अहम है क्योंकि मात्र 2 दिन बाद ही सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा 35 ए पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
यासीन मलिक को उनके घर से सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया इसके बाद पूछताछ के लिए उसे कोठीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। माना जा रहा है कि संविधान की धारा 35a पर सुनवाई से पहले ऐसी एहतियातन प्रशासन ने यह कदम उठाया है। धारा 35a प्रावधान जम्मू कश्मीर के बाहर के व्यक्ति को इस राज्य में अचल संपत्ति खरीदने से प्रतिबंधित करती है। संविधान की इस धारा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को जम्मू कश्मीर में तैनात किया है। हालांकि किसी और नेता को हिरासत में लिए जाने की कोई खबर नहीं है। लेकिन यासीन मलिक की गिरफ्तारी इसलिए अहम है क्योंकि मात्र 2 दिन बाद ही सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा 35 ए पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
यासीन मलिक को उनके घर से सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया इसके बाद पूछताछ के लिए उसे कोठीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। माना जा रहा है कि संविधान की धारा 35a पर सुनवाई से पहले ऐसी एहतियातन प्रशासन ने यह कदम उठाया है। धारा 35a प्रावधान जम्मू कश्मीर के बाहर के व्यक्ति को इस राज्य में अचल संपत्ति खरीदने से प्रतिबंधित करती है। संविधान की इस धारा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
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