योगीराज में उत्तर प्रदेश से अपराधियों के एनकाउंटर की खबरें आए दिन आती रहती हैं, लेकिन अपराधी कितने बेखौफ है और कानून व्यवस्था कितनी लचर इसका एक उदाहरण उन्नाव की जिला जेल में देखने को मिला, जहां अपराधियों ने खुलेआम हथियार (पिस्तौल) हाथों में लहराए।
जेल से आई ये तस्वीरें बताती है कि अपराधियों को पुलिस का कोई खौफ नहीं है। एक सवाल यह भी है कि जेल के भीतर अपराधियों के पास हथियार और तस्वीरें लेने के लिए मोबाइल कहां से आया। इतना ही नहीं एक तस्वीर में तो अपराधी जेल के भीतर ही पार्टी करते दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर में लजीज खाना, चॉकलेट्स के साथ-साथ दारू की व्यवस्था भी दिखाई दे रही है।
तस्वीरें सामने आने के बाद यूपी पुलिस के हाथ-पांव फूल गए हैं। गृह विभाग ने एक बयान जारी कर कहा कि जेल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए अपराधियों द्वारा ऐसा किया गया है और तस्वीरों में दिखाई दे रहे हथियार नकली हैं। इसके अलावा जेल अधीक्षक ने हेड वार्डन सहित चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए हैं। लेकिन जेल के भीतर से आई इन तस्वीरों ने योगीराज में यूपी की जेलों की सुरक्षा की पोल खोल कर रख दी है।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब यूपी में जेल प्रशासन पर सवाल खड़े हुए हैं। बता दें इससे पहले भी यूपी में जेल प्रशासन सवालों के घेरे में कई बार आ चुका है। साल 2018 में बागपत जेल में बंद कुख्यात डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल के भीतर ही आपसी रंजिश के कारण गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
एक अन्य घटना में योगी सरकार के कानून व्यवस्था के दावों की पोल खोलते हुए अतीक अहमद ने लखनऊ के एक व्यापारी को किडनैप कर देवरिया जेल बुलवा लिया था। व्यापारी की जेल के भीतर पिटाई करने और उसकी कंपनियों का मालिकाना हक अपने साथियों के नाम लिखवाने के बाद व्यापारी को जेल के बाहर फेंक दिया गया था। उत्तर प्रदेश में आए दिन होती ऐसी घटनाओं को देखकर यहीं लग रहा है कि अपराधी जेल में सजा नहीं मौज काट रहे हैं और इनके सामने प्रशासन मूकदर्शक बनकर खड़ा है।
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