आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सभी एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगे हुए हैं। लेकिन कम समय में कैसे सफल हो, कैसे जिंदगी में आगे बढ़े, यह सोच-सोच कर हम खुद को ही बीमार बना रहे हैं। जी हां ज्यादा सोचना शरीर के लिए हानिकारक है। ज्यादा सोचने से शरीर में एक नहीं बल्कि कई बीमारियां होने लगती हैं। तो क्या है ज्यादा सोचने के नुकसान आइए जानते हैं।
1- ज्यादा सोचना और तनाव में रहना शरीर की सबसे बड़ी परेशानियों में से एक है, इससे दिमाग पर गहरा असर पड़ता है, सोचने की क्षमता पर असर पड़ता है।
2- ज्यादा सोचने का असर हमारे पाचन तंत्र पर भी पड़ता है, इससे पेट में जलन जैसी समस्या होने लगती है।
3- दिल पर भी ज्यादा सोचने का असर पड़ता है, इससे दिल से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ने का खतरा रहता है। ज्यादा सोचना छाती में दर्द, चक्कर आना जैसी समस्याओं को भी बढ़ाता है।
4- ज्यादा सोचने के कारण तनाव होने लगता है जिससे शरीर में कॉर्टिसोल उत्पन्न होता है, जो रोग प्रतिरोधक प्रणाली को कमजोर बनाता है।
5- ब्लड प्रेशर पर भी ज्यादा सोचने का असर पड़ता है, इससे ब्लड प्रेशर में असंतुलन होने लगता है।
6- ज्यादा सोचने से शरीर के साथ ही मानसिक रोगी बनने की समस्या हो सकती है।
1- ज्यादा सोचना और तनाव में रहना शरीर की सबसे बड़ी परेशानियों में से एक है, इससे दिमाग पर गहरा असर पड़ता है, सोचने की क्षमता पर असर पड़ता है।
2- ज्यादा सोचने का असर हमारे पाचन तंत्र पर भी पड़ता है, इससे पेट में जलन जैसी समस्या होने लगती है।
3- दिल पर भी ज्यादा सोचने का असर पड़ता है, इससे दिल से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ने का खतरा रहता है। ज्यादा सोचना छाती में दर्द, चक्कर आना जैसी समस्याओं को भी बढ़ाता है।
4- ज्यादा सोचने के कारण तनाव होने लगता है जिससे शरीर में कॉर्टिसोल उत्पन्न होता है, जो रोग प्रतिरोधक प्रणाली को कमजोर बनाता है।
5- ब्लड प्रेशर पर भी ज्यादा सोचने का असर पड़ता है, इससे ब्लड प्रेशर में असंतुलन होने लगता है।
6- ज्यादा सोचने से शरीर के साथ ही मानसिक रोगी बनने की समस्या हो सकती है।
No comments:
Post a Comment