क्या सियासी दुश्मन एक मंच पर साथ आ सकते हैं? क्या अखिलेश के साथ योगी मंच साझा कर सकते हैं? क्या योगी बीजेपी के लिए नहीं अखिलेश के लिए प्रचार कर रहे हैं? सियासत में यह सवाल उस वक्त जन्मे जब एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसमें एक तरफ लाल टोपी धारी दूसरी तरफ भगवाधारी एक दूसरे का हाथ थामे नजर आ रहे थे। इन तस्वीरों को लेकर तहलका मचा हुआ है। तो क्या है अखिलेश और योगी के साथ की सच्चाई, आइए जानते हैं।
राजनीतिक मंच पर एक दूसरे के खिलाफ आग उगलते हैं। सियासी जमीन पर एक दूसरे के खिलाफ जंग छेड़ते हैं। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी अखिलेश पर आक्रामक रहते हैं, तो वही अखिलेश भी योगी को जुबानी जंग में पटखनी देते हैं। लेकिन अचानक यह दोनों नेता एक साथ कैसे आ गए अदावत को बुलाकर योगी सपा प्रेमी कैसे बन गए। क्या योगी अब सियासी जमीन पर साइकिल को रफ्तार देने के लिए प्रचार कर रहे हैं।
इन तस्वीरों को देखकर किसी के भी मन में यह सवाल उठना लाजमी है। लेकिन कहते हैं ना जो दिखता है वह हमेशा सच नहीं होता। ठीक इसी तरह अखिलेश और योगी का साथ भी सच्चा नहीं है। क्योंकि सपा प्रमुख के साथ नजर आ रहे यह व्यक्ति योगी नहीं बल्कि भगवा वेश में कोई जोगी है। जिसने योगी का अवतार लेकर लोगों को हैरान कर दिया। दरअसल अखिलेश यादव बाराबंकी में रैली को संबोधित कर रहे थे उसी दौरान सीएम योगी की शक्ल वाले एक शख्स ने अखिलेश के साथ मंच साझा किया। जिसे देख कर सभी की आंखें खुली रह गई। लेकिन कुछ देर बाद अखिलेश ने उसकी असलियत से पर्दा उठा दिया।
अखिलेश ने चुटकी लेते हुए कहा अब तो इनका भी समर्थन मिल गया। यह जा रहे थे गोरखपुर लेकिन हम इन्हें बाराबंकी ले आए। आपको बता दें यह कोई पहला मौका नहीं है जब योगी के हमशक्ल शख्स को अखिलेश के मंच पर देखा गया है। इसके पहले भी कई चुनावी सभा में यह जोगी अखिलेश के साथ मौजूद रहे। ऐसी तस्वीरों को देखकर जनता तो हैरान हो जाती है लेकिन सच यही है कि अखिलेश को योगी का साथ कभी नहीं मिल सकता है। आपकी क्या राय है इस बारे में हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।
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