हाल ही में बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार में बेरोजगारी की दर काफी बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार इस समय भारत में बेरोजगारी की दर 6.1 है जो की 1972 की बेरोजगारी दर 6.0 को पार कर चुकी है। इस रिपोर्ट पर तो राजनीति चल ही रही थी कि अब निजी एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज संकट के कारण 23 हजार लोगों की नौकरियां और जाती हुई दिख रही हैं। इसे लेकर शिवसेना ने अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया है।
एक साध्वी के श्राप से ज्यादा शक्तिशाली होता है बेरोजगारों का श्राप और यह शिव सेना की ओर से अपनी ही सरकार को कहा गया है। पिछले दिनों भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर कहा था कि करकरे को उनके श्राप की सजा मिली। साध्वी जब अपने बयान पर फंसी तो उन्होंने इसे वापस ले लिया लेकिन विपक्ष ने इसे लपक लिया और अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में भी साध्वी के श्राप का जिक्र कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना ने जेट एयरवेज को लेकर मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी को पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी से सीखना चाहिए। इन्होंने इंश्योरेंस और एयरलाइंस कंपनी का राष्ट्रीयकरण करने में जो दूरदर्शिता दिखाई वहीं पीएम मोदी को भी दिखानी चाहिए।
जेट एक भारतीय कंपनी है इसके संकट ने 23000 भारतीयों का रोजगार संकट में डाल दिया है। शिवसेना ने कहा कि उन्होंने जेट के कर्मचारियों का मुद्दा सरकार के सामने रखा है। शिवसेना महाराष्ट्र और केंद्र में एनडीए की सहयोगी है। आपको बता दें 400 करोड़ की इमरजेंसी फंडिंग नहीं मिलने की वजह से जेट एयरवेज ने अस्थाई रूप से संचालन बंद कर दिया है जिससे कंपनी से जुड़े कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी ही कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए बने रहें हमारे साथ।
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