राफेल विमान सौदे को लेकर जब से केंद्र सरकार ने दस्तावेज चोरी होने की बात कही है मोदी सरकार पर विपक्ष के निशाने और तेज हो गए हैं। कांग्रेस से लेकर बीएसपी और सपा से लेकर आरजेडी सभी सरकार को घेर रहे हैं। यहां तक कि बीजेपी के बागी भी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। चौतरफा घिरी मोदी सरकार अब अपने बयान से पलट गई है। जिसे लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने हमला बोला है।
राफेल पर गिरी केंद्र सरकार ने बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में बड़ा दावा किया। केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा था कि प्रशांत भूषण, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी की अर्जी जिन दस्तावेजों का हवाला दे रही है वह तो चोरी हो चुके दस्तावेजों पर आधारित है। इन दस्तावेजों के आधार पर ही कुछ अखबारों और कई न्यूज़ एजेंसी ने खबरें चलाई थी। केके वेणुगोपाल की इस बात पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सरकार को फटकार लगाई थी। वहीं जब से यह बयान कोर्ट के बाहर निकला है राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है कि जो रक्षा मंत्रालय की अहम फ़ाइलें नहीं संभाल सकता वह देश क्या संभालेगा। ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। इस बयान के बाद चौतरफा घिरी मोदी सरकार ने मामले में अब लीपापोती शुरू कर दी है।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में बंद लिफाफे में जो जवाब दिया है उसमे अब वे अपनी बात से पलट गए हैं। इसमें वेणुगोपाल ने माना है कि दस्तावेज चोरी नहीं हुए हैं बल्कि लीक हुए हैं। यह अवैध रूप से दस्तावेज लीक करने का मामला है। वेणु गोपाल के इस बयान के बाद एक बार फिर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है कांग्रेस का कहना है कि सरकार एक झूठ को छुपाने के लिए झूठ पर झूठ बोले जा रही है।
आपको बता दें वेणुगोपाल के बयान के बाद से ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। एक दिन पहले ही उन्होंने राफेल मामले से जुड़े गुम हुए दस्तावेजों की जांच गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पारिकर से शुरू करने की बात कही थी। राहुल ने कहा कि जिन्होंने कथित रूप से दावा किया था कि सौदे से संबंधित फाइलें उनके पास है ऐसे में जांच उन्हीं से शुरू होनी चाहिए। आपका क्या कहना है इस बारे में हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।
राफेल पर गिरी केंद्र सरकार ने बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में बड़ा दावा किया। केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा था कि प्रशांत भूषण, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी की अर्जी जिन दस्तावेजों का हवाला दे रही है वह तो चोरी हो चुके दस्तावेजों पर आधारित है। इन दस्तावेजों के आधार पर ही कुछ अखबारों और कई न्यूज़ एजेंसी ने खबरें चलाई थी। केके वेणुगोपाल की इस बात पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सरकार को फटकार लगाई थी। वहीं जब से यह बयान कोर्ट के बाहर निकला है राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है कि जो रक्षा मंत्रालय की अहम फ़ाइलें नहीं संभाल सकता वह देश क्या संभालेगा। ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। इस बयान के बाद चौतरफा घिरी मोदी सरकार ने मामले में अब लीपापोती शुरू कर दी है।
आपको बता दें वेणुगोपाल के बयान के बाद से ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। एक दिन पहले ही उन्होंने राफेल मामले से जुड़े गुम हुए दस्तावेजों की जांच गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पारिकर से शुरू करने की बात कही थी। राहुल ने कहा कि जिन्होंने कथित रूप से दावा किया था कि सौदे से संबंधित फाइलें उनके पास है ऐसे में जांच उन्हीं से शुरू होनी चाहिए। आपका क्या कहना है इस बारे में हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।
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