पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर खुद को पीड़ित बताता आया है लेकिन पाकिस्तान की फितरत से हर कोई वाकिफ है। गुरुवार को भी पुलवामा की घटना के बाद उसका झूठ दुनिया ने देखा। पुलवामा में सीमा पार बैठे आतंकवादियों ने जो कुछ किया उसके बाद से ही देश गुस्से में है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए। इन सब के बीच कल मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है।
पाकिस्तान मोस्ट फेवर्ड नेशन नहीं रहेगा क्योंकि मोदी सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उसकी अर्थव्यवस्था पर वार किया है। पुलवामा की घटना के बाद कल हुई सुरक्षा मामलों की बैठक में सरकार ने पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया। बैठक से पहले ही माना जा रहा था कि सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है। करीब 1 घंटे तक चली इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जी ने बताया कि भारत पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से सबक सिखाएगा। आपको बता दे कि मोस्ट फेवर्ड नेशन का मतलब सर्वाधिक दर्जी वाला देश होता है। विश्व व्यापार संगठन बनने के 1 साल बाद भारत ने 1996 में पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दिया था। वैसे 1996 से लेकर अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार तनातनी हुई लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने यह कदम उठाया है।
इससे पहले 2012 में पाकिस्तान ने भी भारत को ही दर्जा देने की बात कही थी लेकिन वह अपनी बात से मुकर गया था बावजूद इसके भारत ने पाक के दर्जे को कायम रखा। मगर पुलवामा की घटना के बाद मोदी सरकार यह फैसला लेने पर मजबूर हो गई है । इस तरह के दर्जे वाले देश को व्यापार शुल्क में छूट दी जाती है और कई तरह की रियायत मिलती है। वहीं सितंबर 2018 विश्व व्यापार संगठन ने उम्मीद जताई थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच अभी तक चलता 2 मिलीयन डॉलर का व्यापार बढ़कर 10 बिलियन डॉलर हो सकता है लेकिन अब यह दर्जा वापस लेने के बाद ऐसा नहीं हो पाएगा। जानकारों का मानना है कि पसंदीदा नेशन का दर्जा वापस लेने से पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान होगा जबकि भारत पर इसका कम असर पड़ेगा।
पाकिस्तान मोस्ट फेवर्ड नेशन नहीं रहेगा क्योंकि मोदी सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उसकी अर्थव्यवस्था पर वार किया है। पुलवामा की घटना के बाद कल हुई सुरक्षा मामलों की बैठक में सरकार ने पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया। बैठक से पहले ही माना जा रहा था कि सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है। करीब 1 घंटे तक चली इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जी ने बताया कि भारत पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से सबक सिखाएगा। आपको बता दे कि मोस्ट फेवर्ड नेशन का मतलब सर्वाधिक दर्जी वाला देश होता है। विश्व व्यापार संगठन बनने के 1 साल बाद भारत ने 1996 में पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दिया था। वैसे 1996 से लेकर अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार तनातनी हुई लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने यह कदम उठाया है।
इससे पहले 2012 में पाकिस्तान ने भी भारत को ही दर्जा देने की बात कही थी लेकिन वह अपनी बात से मुकर गया था बावजूद इसके भारत ने पाक के दर्जे को कायम रखा। मगर पुलवामा की घटना के बाद मोदी सरकार यह फैसला लेने पर मजबूर हो गई है । इस तरह के दर्जे वाले देश को व्यापार शुल्क में छूट दी जाती है और कई तरह की रियायत मिलती है। वहीं सितंबर 2018 विश्व व्यापार संगठन ने उम्मीद जताई थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच अभी तक चलता 2 मिलीयन डॉलर का व्यापार बढ़कर 10 बिलियन डॉलर हो सकता है लेकिन अब यह दर्जा वापस लेने के बाद ऐसा नहीं हो पाएगा। जानकारों का मानना है कि पसंदीदा नेशन का दर्जा वापस लेने से पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान होगा जबकि भारत पर इसका कम असर पड़ेगा।
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