दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल एससी एसटी एक्ट 1989 में बदलाव करते हुए कई दिशा निर्देश जारी किए थे जिसके तहत किसी आरोपी को दलितों पर अत्याचार के मामले में प्रारंभिक जांच के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता था व अग्रिम जमानत का भी प्रावधान था। इस बदलाव को लेकर शेड्यूल कास्ट के लोगों ने काफी विरोध प्रदर्शन किया था जिसके बाद सरकार ने इसमें संशोधन कर कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी और सरकार एससी एसटी अत्याचार निवारण संशोधन 2018 लायी थी। सरकार के इस संसोधन का भी कई लोगो ने विरोध किया था जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
वहीं इस मामले पर आज सुनवाई हुई, कोर्ट ने कहा कि संशोधन 2018 पर फिलहाल रोक नहीं है यानि माले में अग्रिम जमानत न होने का प्रावधान फिलहाल बरकरार रहेगा और गिरफ्तारी से पहले इजाजत लेने की जरूरत ही नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीठ इस मामले में केंद्र की पुनर्विचार याचिका और इसके विरोध में दाखिल सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगी, इस मामले में विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। तो फ़िलहाल आज कोर्ट ने मोदी सरकार को इस पर फौरी राहत दी है लेकिन 19 फरवरी को कोर्ट क्या फैसला सुनाता है यह देखना दिलचस्प होगा।
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