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Wednesday, January 30, 2019

सामने आया देश का सबसे बड़ा घोटाला, आरोपों में घिरी मोदी सरकार, चौकीदार या भागीदार


पिछले साल सामने आए पीएनबी घोटाले में अभी पूरी तरह से रिकवरी हो भी नहीं पाई थी कि इस बीच देश में सबसे बड़े घोटाले पर्दाफाश हुआ है। खोजी पत्रकारिता करने वाली न्यूज़ वेबसाइट कोबरापोस्ट ने दावा किया है कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड यानी डीएचएफएल के प्रमोटरों ने 31 हज़ार करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया है। जिसके बाद अब एक बार फिर सरकार और बैंकिंग व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने तय है।


साल 2018 के फ़रवरी में जब 13 हज़ार करोड़ का पंजाब नेशनल बैंक घोटाला सामने आया था उसके बाद पूरी की पूरी बैंकिंग व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई थी, सवाल उठ रहे थे कि जब इतना बड़ा घोटाला हो रहा था तब आरबीआई और सरकार क्या कर रहे थे। इस मामले को अभी 1 साल पूरा भी नहीं हुआ कि अब देश के सामने एक और बड़ा घोटाला सामने आ गया है। निजी क्षेत्र की एक नामी कंपनी  श्री दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड पर 31 करोड़ से ज्यादा की हेरा फेरी का आरोप लगा है। खोजी पत्रकारिता करने वाली न्यूज़ वेबसाइट कोबरापोस्ट का दावा है की उनकी पड़ताल में पता चला है कि डीएचएफएल कंपनियों को करोड़ों रुपए का लोन दिया और फिर वही रुपया वापस उन्हीं कंपनियों के पास आ गया जिनके मालिक डीएचएफएल के प्रमोटर है।

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है की  डीएचएफएल से जुड़ी कंपनी ने पैसों की धोखाधड़ी की है। रिपोर्ट के मुताबिक वधावन ग्लोबल कैपिटल के स्वामित्व वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी डीएचएफएल के प्रमोटरों ने वधावन समूह के स्वामित्व वाली शैल कंपनियों को वित्तीय नियमों का उल्लंघन करते हुए हजारों करोड़ रुपए का उधार देने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से कथित रूप से असुरक्षित लोन लिया था, कहा गया है कि कर्ज अलग-अलग तरीके से हासिल किया गया। कंपनी ने कुल मिलाकर 36 बैंकों से धनराशि खर्च में जुटाई थी। इसमें सरकारी और निजी बैंकों के अलावा छह विदेशी बैंक भी शामिल है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक से 11500 करोड रुपए और बैंक ऑफ बड़ौदा से 5000 करोड़ रुपए का कर्ज शामिल है।


रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2014 से 17 के दौरान इन कंपनियों ने बीजेपी को लगभग 20 करोड़ रुपये का चंदा दिया था जो कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 182 का उल्लंघन है। इस खुलासे के बाद मोदी सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। बीजेपी के बागी यशवंत सिन्हा ने कहा है कि इस मामले में एसआईटी जांच होनी चाहिए। अगर सरकार इस मामले में तुरंत जांच नहीं कराती तो उसके मंसूबों पर सवाल उठेंगे।


उम्मीद करते हैं दोस्तों की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपका क्या कहना है इस बारे में हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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