नमस्कार दोस्तों, आज पूरा देश गांधी जयंती के साथ भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मना रहा है। सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले शास्त्री जी एक शांत चित्त व्यक्तित्व भी थे। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था और मृत्यु 11 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौत के दौरान रहस्यमय तरीके से हो गई थी।
प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हर किसी के मन में एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। कई लोगों का ऐसा मानना है। कि शास्त्री जी की मौत स्वाभाविक नहीं थी। शास्त्री जी के परिवारीजन के अनुसार शास्त्री जी का निधन हृदयाघात से नहीं हुआ बल्कि उन्हें जहर देकर मार दिया गया। उनका चेहरा नीला पड़ गया था और हमेशा उनके साथ रहने वाली उनकी डायरी भी नहीं मिली थी।
लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री का कहना है। कि आखिर भारतीय प्रधानमंत्री को भारत-पाकिस्तान समझौता स्थल उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद से 15 किमी दूर क्यों ठहराया गया।और ताशकंद में वे जिस कमरे में थे। वहां ना कोई बेल था और ना ही टेलीफोन। उन्हें प्राथमिक उपचार तक नहीं दिया गया था। उस थरमस को भी कब्जे में नहीं लिया गया जिसमें उन्होंने आखिरी रात दूध और पानी पिया था।
अनिल शास्त्री ने भारतीय दूतावास पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया । साथ ही उन्होंने कहा कि सभी जानना चाहते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी की मृत्यु कैसे हुई थी।
प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हर किसी के मन में एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। कई लोगों का ऐसा मानना है। कि शास्त्री जी की मौत स्वाभाविक नहीं थी। शास्त्री जी के परिवारीजन के अनुसार शास्त्री जी का निधन हृदयाघात से नहीं हुआ बल्कि उन्हें जहर देकर मार दिया गया। उनका चेहरा नीला पड़ गया था और हमेशा उनके साथ रहने वाली उनकी डायरी भी नहीं मिली थी।
लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री का कहना है। कि आखिर भारतीय प्रधानमंत्री को भारत-पाकिस्तान समझौता स्थल उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद से 15 किमी दूर क्यों ठहराया गया।और ताशकंद में वे जिस कमरे में थे। वहां ना कोई बेल था और ना ही टेलीफोन। उन्हें प्राथमिक उपचार तक नहीं दिया गया था। उस थरमस को भी कब्जे में नहीं लिया गया जिसमें उन्होंने आखिरी रात दूध और पानी पिया था।
अनिल शास्त्री ने भारतीय दूतावास पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया । साथ ही उन्होंने कहा कि सभी जानना चाहते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी की मृत्यु कैसे हुई थी।
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