ईवीएम हैक की जा सकती है या नहीं, इसको लेकर लंबे वक्त से बहस चलती आ रही है। हमारे देश की अदालतों में ईवीएम को लेकर कम से कम सात मामले चल रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग कहता आया है कि ये मशीनें हैक नहीं की जा सकती हैं। भारत में लोकसभा चुनावों में लगभग 16 लाख की ईवीएम मशीन का इस्तेमाल होता है और हर मशीन दो हजार वोट रिकॉर्ड करती है। यह मशीनें बैटरी से चलती हैं यानी जहां बिजली ना भी हो यह मशीनें वहां आसानी से काम कर सकती हैं।
एक मतदान केंद्र पर किसी भी हालत में 1500 से ज्यादा वोटर नहीं हो सकते और 64 से ज्यादा उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं। हर एक ईवीएम मशीन में चुनाव आयोग की तरफ से एक चिप और एक सीरियल नंबर लगा होता है। चुनाव आयोग के मुताबिक यह मशीनें और इनमें दर्ज रिकॉर्ड किसी भी बाहरी व्यक्ति या ग्रुप के साथ साझा नहीं किया जा सकता। मतदान अधिकारी सिर्फ एक बटन दबाकर ही इस मशीन को बंद कर सकता है ताकि फर्जी वोट ना डाला जा सके। एक लोकसभा सीट के लिए डाले गए वोटों को लगभग 3 से 7 घंटों में गिना जा सकता है, वहीं बैलट पेपर के जमाने में 40 घंटे का वक्त लगता था।
ब्रिटेन में अब भी मतदान में बैलट पेपर का इस्तेमाल होता है, वहां भारत की तरह ईवीएम मशीन इस्तेमाल नहीं होती। पिछले 3 साल से वहां ईवीएम के इस्तेमाल पर चर्चा चल रही है लेकिन वहां की खुफिया एजेंसी और चुनाव आयोग को हैकिंग का डर है। ब्रिटेन में ईवीएम से वोटिंग ना कराने का एक दूसरा पहलू भी है, वहां की जनसंख्या भी बहुत कम है भारत की तरह वहां बहुत सारे वोटर नहीं होते हैं इसलिए बैलट पेपर की गिनती भी आसान होती है। आपकी क्या राय है चुनावों में ईवीएम मशीन के इस्तेमाल के बारे में हमें कमेंट के माध्यम से बताएं।
एक मतदान केंद्र पर किसी भी हालत में 1500 से ज्यादा वोटर नहीं हो सकते और 64 से ज्यादा उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं। हर एक ईवीएम मशीन में चुनाव आयोग की तरफ से एक चिप और एक सीरियल नंबर लगा होता है। चुनाव आयोग के मुताबिक यह मशीनें और इनमें दर्ज रिकॉर्ड किसी भी बाहरी व्यक्ति या ग्रुप के साथ साझा नहीं किया जा सकता। मतदान अधिकारी सिर्फ एक बटन दबाकर ही इस मशीन को बंद कर सकता है ताकि फर्जी वोट ना डाला जा सके। एक लोकसभा सीट के लिए डाले गए वोटों को लगभग 3 से 7 घंटों में गिना जा सकता है, वहीं बैलट पेपर के जमाने में 40 घंटे का वक्त लगता था।
ब्रिटेन में अब भी मतदान में बैलट पेपर का इस्तेमाल होता है, वहां भारत की तरह ईवीएम मशीन इस्तेमाल नहीं होती। पिछले 3 साल से वहां ईवीएम के इस्तेमाल पर चर्चा चल रही है लेकिन वहां की खुफिया एजेंसी और चुनाव आयोग को हैकिंग का डर है। ब्रिटेन में ईवीएम से वोटिंग ना कराने का एक दूसरा पहलू भी है, वहां की जनसंख्या भी बहुत कम है भारत की तरह वहां बहुत सारे वोटर नहीं होते हैं इसलिए बैलट पेपर की गिनती भी आसान होती है। आपकी क्या राय है चुनावों में ईवीएम मशीन के इस्तेमाल के बारे में हमें कमेंट के माध्यम से बताएं।
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