बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है होली का त्योहार। रंगों के इस त्योहार से 1 दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। कहा जाता है कि इसकी पूजा लोगों के दुखों को दूर कर जीवन में रंग भरती है। तो क्या है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और ऐसा क्या करें जिससे मिले पूजा का पूरा लाभ, आइए जानते हैं। रंगो के त्योहार होली को यादगार बनाने में कोई भी व्यक्ति कमी नहीं छोड़ना चाहता।
होलिका दहन- होली बुराई पर अच्छाई का प्रतीक होती है। जिसमें की जाने वाली पूजा और दहन भी काफी महत्वपूर्ण होता है। होली पर घर के अनाज की यज्ञ में आहुति दी जाती है, ऐसा माना जाता है कि यज्ञ में डाला गया अनाज ईश्वर तक पहुंचता है और ईश्वर का धन्यवाद करने के लिए ही होलिका दहन किया जाता है।
पूजा सामग्री- अगर बात की जाए की होली की पूजा के समय क्या करना चाहिए तो इस दौरान अपने क्षेत्र की फसल लेकर परिक्रमा करनी चाहिए। होलिका में अनाज, घी और गुड़ डालें। मिठाई भी चढ़ा कर प्रसाद के रूप में वितरित करें। होलिका दहन से निकलने वाली लौ और धूवा वातावरण में व्याप्त विकृतियों को नष्ट करके पवित्र करते हैं। साथ ही इसे तापने और दूसरे दिन इसकी राख को माथे पर लगाने वाले मानव का मन और मस्तिष्क पवित्र हो जाता है।
ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए बने रहे हमारे साथ, इस लेख को पढ़ने वाले सभी पाठकों व उनके परिवार जनो को होली की हार्दिक शुभकामनाएं।
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