इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने लौह पुरुष कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई बुजुर्ग नेताओं को मैदान में नहीं उतारा है। बीजेपी ने 75 वर्ष पार कर चुके नेताओं को टिकट ना देने का फैसला किया है।
इससे पहले यह खबर सामने आई थी कि भले ही बुजुर्ग नेताओं को पार्टी चुनाव लड़ाए, लेकिन उन्हें सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। मगर इन सभी अटकलों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने सभी बुजुर्ग नेताओं को आराम देने का फैसला किया है।
सूत्रों की मानें तो बुजुर्ग नेताओं को चुनाव ना लड़ने के लिए मनाने की जिम्मेदारी बीजेपी संगठन महासचिव रामलाल को दी गई थी। रामलाल से कहा गया था कि वह बीजेपी के अंदर 75 की उम्र पार कर चुके सभी वरिष्ठ नेताओं से अनुरोध करें कि वह चुनाव लड़ने के बजाय आराम करें। सूची में नाम नहीं होने पर वरिष्ठ नेताओं का अनादर करने का गलत संदेश जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में ना जाए, इसके लिए पहले ही इन बुजुर्ग नेताओं से बयान जारी करवाया जाए कि वे चुनाव लड़ने में असमर्थ हैं।
सूत्रों के मुताबिक पार्टी महासचिव रामलाल ने मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्र, शांता कुमार व लालकृष्ण आडवाणी समेत कई बीजेपी नेताओं से इस संबंध में मुलाकात की। शांता कुमार और कलराज मिश्र ने सार्वजनिक रूप से घोषणा करने के लिए हामी भर दी थी, लेकिन लालकृष्ण आडवाणी नहीं माने। बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची आने से 1 दिन पहले कलराज मिश्र ने ट्वीट कर चुनाव ना लड़ने की बात कही थी। बताया जा रहा है कि आडवाणी जी टिकट कटने से उतना दुखी नहीं है जितना टिकट काटे जाने के तौर-तरीकों से दुखी है।
आपकी क्या राय है बीजेपी में वरिष्ठ नेताओं के टिकट काटे जाने पर? कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएं।
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