पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी लंदन की गलियों में बेखौफ घूम रहा है। देश का करोड़ों रुपया लेकर भागा नीरव मोदी ऐश की जिंदगी जी रहा है। लेकिन मोदी सरकार से जब भी इस पर सवाल पूछा जाता है तो एक ही जवाब मिलता है कि हम नीरव मोदी को लाने की कोशिश कर रहे हैं, आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन मोदी सरकार की कोशिशों पर ही बड़ा खुलासा हुआ है, जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या मोदी सरकार नीरव मोदी के मामले में झूठ बोल रही है।
नीरव मोदी को लेकर मोदी सरकार पहले ही घिरी हुई है। पिछले दिनों भी जब पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी लंदन की सड़कों पर कुछ अलग अंदाज दिखाई दिया तो कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी। जिस पर तिलमिला कर बीजेपी ने भी इतिहास के पन्नों को खंगाल कर कांग्रेस को ही घेरने की कोशिश की थी। वहीं विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कानूनी प्रक्रिया के चलते प्रत्यर्पण में अभी और देर लगेगी। लेकिन इस मामले में अब कुछ मीडिया रिपोर्ट सामने आई है। इसके बाद मोदी सरकार अब और घिर सकती है। एनडीटीवी की रिपोर्ट्स के मुताबिक यूके की एक कानूनी टीम ने नीरव मोदी को गिरफ्तार करने के लिए जरूरी कागजात मांगे थे, लेकिन मोदी सरकार की तरफ से किसी तरह का उत्तर नहीं दिया गया। इसके साथ ही नीरव मोदी के खिलाफ कार्यवाही में मदद करने के लिए भारत आने की पेशकश भी की गई लेकिन कथित तौर पर भारत से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
लंदन के सीरियस फ्रॉड ऑफिस से जानकारी मिली है कि पहली बार भारत ने ब्रिटेन को जो अलर्ट भेजा था वह फरवरी 2018 में ब्रिटेन ने म्युचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी के तहत था। यह सीबीआई की ओर से नीरव मोदी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में पहली बार आपराधिक मामला दर्ज करने के तुरंत बाद भेजा गया था। वहीं दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को ही नीरव मोदी के खिलाफ अनुपूरक आरोप पत्र दायर किया है। जहां एक तरफ जांच एजेंसी देश में नीरव मोदी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है तो वहीं मोदी सरकार विदेश में बैठे नीरव मोदी को लाने में ढिलाई बरत रही है। ऐसे में मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है। माना जा रहा है कि अब रिपोर्ट के सामने आने के बाद मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। आपका क्या मानना है इस बारे में कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।
नीरव मोदी को लेकर मोदी सरकार पहले ही घिरी हुई है। पिछले दिनों भी जब पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी लंदन की सड़कों पर कुछ अलग अंदाज दिखाई दिया तो कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी। जिस पर तिलमिला कर बीजेपी ने भी इतिहास के पन्नों को खंगाल कर कांग्रेस को ही घेरने की कोशिश की थी। वहीं विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कानूनी प्रक्रिया के चलते प्रत्यर्पण में अभी और देर लगेगी। लेकिन इस मामले में अब कुछ मीडिया रिपोर्ट सामने आई है। इसके बाद मोदी सरकार अब और घिर सकती है। एनडीटीवी की रिपोर्ट्स के मुताबिक यूके की एक कानूनी टीम ने नीरव मोदी को गिरफ्तार करने के लिए जरूरी कागजात मांगे थे, लेकिन मोदी सरकार की तरफ से किसी तरह का उत्तर नहीं दिया गया। इसके साथ ही नीरव मोदी के खिलाफ कार्यवाही में मदद करने के लिए भारत आने की पेशकश भी की गई लेकिन कथित तौर पर भारत से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
लंदन के सीरियस फ्रॉड ऑफिस से जानकारी मिली है कि पहली बार भारत ने ब्रिटेन को जो अलर्ट भेजा था वह फरवरी 2018 में ब्रिटेन ने म्युचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी के तहत था। यह सीबीआई की ओर से नीरव मोदी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में पहली बार आपराधिक मामला दर्ज करने के तुरंत बाद भेजा गया था। वहीं दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को ही नीरव मोदी के खिलाफ अनुपूरक आरोप पत्र दायर किया है। जहां एक तरफ जांच एजेंसी देश में नीरव मोदी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है तो वहीं मोदी सरकार विदेश में बैठे नीरव मोदी को लाने में ढिलाई बरत रही है। ऐसे में मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है। माना जा रहा है कि अब रिपोर्ट के सामने आने के बाद मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। आपका क्या मानना है इस बारे में कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।
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