अलग-अलग मांगों को लेकर महाराष्ट्र में सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने वाले किसानों के आगे सरकार झुक गई है। किसानों के कड़े तेवर देखते हुए सरकार ने किसान नेताओं की तमाम मांगों को मान लिया है।
महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने किसानों को लिखित में आश्वासन दिया जिसके बाद किसानों ने भी अपना मार्च पूरी तरह स्थगित कर दिया है। कर्ज माफी, बिजली बिल माफ और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने समेत कई मांगों को लेकर नासिक से मुंबई पहुंच रहे किसान सरकार से आर या पार की लड़ाई के मूड में थे। अपने हक के लिए पैदल मार्च करते हुए किसान मुंबई के लिए निकल पड़े थे लेकिन मार्च शुरू होने के कुछ घंटों बाद ही सरकार आंदोलनकारियों से चर्चा के लिए पहुंच गई।
बताया जा रहा है कि जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने किसान नेताओं से तकरीबन 5 घंटे तक बातचीत की और उसके बाद पैदल मार्च स्थगित किए जाने की खबर आई। ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव अजित नवले ने बताया कि सरकार और किसानों के बीच मार्च शुरू होने से पहले भी वार्ता हुई थी लेकिन वह विफल रही थी। लेकिन मार्च शुरू होने के कुछ समय बाद ही सरकार ने नरमी दिखाते हुए किसानों की 80 फ़ीसदी से ज्यादा मांगों को मान लिया है।
महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने किसानों को लिखित में आश्वासन दिया जिसके बाद किसानों ने भी अपना मार्च पूरी तरह स्थगित कर दिया है। कर्ज माफी, बिजली बिल माफ और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने समेत कई मांगों को लेकर नासिक से मुंबई पहुंच रहे किसान सरकार से आर या पार की लड़ाई के मूड में थे। अपने हक के लिए पैदल मार्च करते हुए किसान मुंबई के लिए निकल पड़े थे लेकिन मार्च शुरू होने के कुछ घंटों बाद ही सरकार आंदोलनकारियों से चर्चा के लिए पहुंच गई।
बताया जा रहा है कि जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने किसान नेताओं से तकरीबन 5 घंटे तक बातचीत की और उसके बाद पैदल मार्च स्थगित किए जाने की खबर आई। ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव अजित नवले ने बताया कि सरकार और किसानों के बीच मार्च शुरू होने से पहले भी वार्ता हुई थी लेकिन वह विफल रही थी। लेकिन मार्च शुरू होने के कुछ समय बाद ही सरकार ने नरमी दिखाते हुए किसानों की 80 फ़ीसदी से ज्यादा मांगों को मान लिया है।
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