पुलिस सदैव आपकी सुरक्षा के लिए तत्पर है बस 100 नंबर घुमाइए और अपनी परेशानी का हल पाइये। लेकिन लोगों की सुरक्षा होगी कैसे क्योंकि यहां तो पुलिस खुद संकट में दिख रही है। क्योकि खाकी के पास न तो बुलेट प्रूफ जैकेट है और न ही हेलमेट और न ही आधुनिक उपकरण। यहाँ तक की कुछ थानों में तो फोन की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। हद तो यह है कि पुलिस के पास खुद की छत तक नहीं है। कुछ थाने तिरपाल की छत्रछाया में चल रहे हैं तो कुछ किराए के मकान में। जी हां खाकी को लेकर चौंकाने वाले यह खुलासे किए हैं गृह मंत्रालय ने।
संसद में पेश गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि देश में कुल 863 ऐसे भी थाने है जिनके पास अपने भवन तक नहीं है। इसका मतलब या तो वह खुले में है या किसी दूसरी ईमारत में पुलिस थाना चल रहा है। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि 273 ऐसे भी पुलिस स्टेशन है जिनके पास कोई भी वाहन नहीं है। कई ऐसे भी है जहां वायरलैस सुविधा नहीं है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में रिपोर्ट पेश कर सरकार की नाकामियों को ही पटल पर रख दिया। सरकार की नाकामी गिनने जाएंगे तो हैरान होंगे कि देश में ऐसे 267 पुलिस स्टेशन है जहां टेलिफोन जैसी बेसिक सुविधा भी मौजूद नहीं है। यानी जनता थाने पर फोन कर मदद की उम्मीद भी नहीं रख सकती। इन आकड़ो से साफ होता है कि प्रशासन नाकाम है और पुलिस खुद परेशान है।
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