क्या जेएनयू मामला सुनियोजित था, क्या देश के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में साजिश रची गई थी, क्या कन्हैया कुमार, उमर खालिद समेत 10 छात्रों को इस मामले में फंसाया गया है। जब से एबीवीपी के दो पूर्व सदस्यों ने ही जेएनयू कांड को साजिश बताया है तब से यह सवाल देश में सुलग रहे हैं। मगर अब एक अंग्रेजी अखबार की पड़ताल भी एबीवीपी को ही कटघरे में खड़ा कर रही है, जी हां द इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल में सामने आया है कि दिल्ली पुलिस ने जिन 14 छात्रों के बयान के आधार पर चार्जशीट तैयार की है वह सभी छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबंधित है।
दरअसल पुलिस ने 77 लोगों के बयान के आधार पर चार्जशीट तैयार की है उसमें 14 छात्रों के बयान दिए गए हैं और वह सभी छात्र एबीवीपी से ताल्लुक रखते हैं। पुलिस के गवाहों में जेएनयू के पूर्व यूनिट सेक्रेटरी रह चुके एबीवीपी के संदीप कुमार सिंह, एबीवीपी समर्थक अखिलेश पाठक, एबीवीपी के जेएनयू के यूनिट ज्वाइंट सेक्रेट्री ओमकार श्रीवास्तव समेत 14 छात्रों के नाम है। पुलिस की चार्जशीट में 14 छात्रों के नाम की यह पड़ताल सीधा-सीधा इस मामले में साजिश की ओर इशारा कर रही है। चर्चा है कि छात्रों को फसाने के लिए एबीवीपी ने ही साजिश रची है। आपको बता दें कि 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आकिब हुसैन के साथ-साथ मुजीब हुसैन, मुनीर हुसैन, उमर गुल रईस रसूल, बशीर, शहला रशीद, अपराजित राजा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
1200 पन्नो की इस चार्जशीट में आरोप लगाया गया था कि साल 2016 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें कई लोगों ने देश विरोधी नारे लगाए थे। वही जब पुलिस ने यह चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की तो कोर्ट ने दिल्ली सरकार की बिना इजाजत के चार्जशीट दाखिल करने पर पुलिस को ही फटकार लगा दी वहीं अब चार्जशीट को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आमने सामने है। लेकिन अब तो अंग्रेजी अखबार की पड़ताल के बाद पुलिस से लेकर एबीवीपी सवालों में गिर गई है।
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