राजनीति का इतिहास रहा है कि किसी सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में पूर्ण बजट पेश नहीं किया है लेकिन मोदी सरकार चुनावी फायदे के लिए इतिहास को बदल सकती है। कहा जा रहा है कि सरकार जनता को लुभाने के लिए इस बार 1 फरवरी को अंतरिम बजट की आड में पूर्ण बजट पेश कर सकती है। इन्हीं प्रयासों को लेकर कांग्रेस का गुस्सा भड़क उठा है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार पूर्ण वित्तीय बजट पेश करने की कोशिश कर रही है। सरकार के पास ऐसा करने का नैतिक अधिकार नहीं है। अगर सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी तो यह संविधान, लोकतंत्र और 7 दशकों की परंपरा का अपमान होगा। किसी सरकार को 6 पूर्ण बजट पेश करने का अधिकार नहीं होता क्योंकि जनादेश इसकी इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा कि यह सरकार अपने 5 बजट पेश कर चुकी है। मोदी सरकार सिर्फ 46 दिन के कार्यकाल के लिए 365 दिन का बजट पेश नहीं कर सकती। मोदी सरकार लोकलुभावन वादों की खातिर पूर्ण बजट पेश करना चाह रही है।
कांग्रेस की मांग है कि मोदी सरकार सिर्फ अनुदान मांग रखें ताकि लोकतंत्र और परंपरा का उल्लंघन ना हो। नरेंद्र मोदी सरकार के पूर्ण बजट पेश करने की अटकलें लगाई जा रही है क्योंकि चुनाव से पहले सरकार किसान, बेरोजगार और महंगाई के मुद्दे पर घिरी हुई है। जहां लगातार किसान कर्ज माफी की मांग को लेकर मोर्चा खोल रहे है तो वहीं बेरोजगारी को लेकर युवाओं का आक्रोश बढ़ रहा है। इतना ही नहीं महंगाई से जहां जनता बेहाल है तो वहीं मोदी सरकार की भी मुश्किलें बढ़नी तय है इसीलिए कहा जा रहा सरकार बजट के लोकलुभावन वादों की झड़ी लगाकर जनता को रिझाने की कोशिश करेगी। लेकिन उससे पहले ही राजनीति में कोहराम मच गया है। अब देखना होगा कि इस बीच सरकार क्या कदम उठाती है।
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