पर्यावरण विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है की अगर जलवायु परिवर्तन संकट से निपटने के उपाय तुरंत नहीं निकाले गए तो मानव सभ्यता का विनाश करीब है। इस समझौते पर सम्मेलन के अध्यक्ष माइकल ने खुशी जाहिर की है। दरसल ग्लोबल वार्मिंग से दुनिया में ऐसे बदलाव आ रहे हैं जो भविष्य में तबाही ला सकते हैं। मिसाल के तौर पर ग्लेशियर पिघल रहे हैं और समुद्र का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जलवायु परिवर्तन से बहुत कम वक्त में बहुत अधिक बारिश होना और बाढ़ आना भी आम बातें हो गई है। यही नहीं जलवायु परिवर्तन की वजह से तटीय शहरों और कई द्वीपों के डूबने का भी खतरा पैदा हो गया है।
इसी को देखते हुए 3 साल पहले पैरिस में वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से निचे रखने पर सहमति बनी थी। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था। हालांकि इस मामले में चीन ने पहल करते हुए 2015 के पेरिस समझौते को आगे बढ़ाने के लिए हामी भरी थी और इस सम्मेलन को काफी बल मिला है ।
2015 के पेरिस जलवायु समझौते को लागू कराने को लेकर अब भी दुनिया के विकसित और विकासशील देशों में कई मुद्दों पर मतभेद है। लेकिन उम्मीद करनी चाहिए कि पेरिस 2020 में लागू हो जाए। ऐसी ही देश-दुनिया की अन्य जानकारियों के लिए बने रहिए हमारे साथ । हमारे साथ जुड़ने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद! क्योंकि आप हैं तो हम हैं।
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