वैज्ञानिकों ने इसे चार्जिंग डॉक नाम दिया है और उनका कहना है कि इस तकनीक से कार्बन के उत्सर्जन को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। अब आपके कपड़ों की जेब एक पॉवर बैंक की तरह काम करेगी और इसके लिए आपको किसी भी तरह के सॉकेट की जरूरत नहीं होगी । वैज्ञानिकों के मुताबिक एक फोन को चार्ज करने में दो हज़ार पैनल की जरूरत होगी। पूरे पैनल का आकार तीन मिमी लंबा और एक दशमलव पांच मिमी चौड़ा है। जिसे की बड़ी ही आसानी से किसी भी कपड़े की पॉकेट में सिला जा सकता है और इस पॉकेट की सहायता से लोग रास्ते में कहीं भी मोबाइल आदि चार्ज कर पायेंगे।
कपडे की जेब में लगी चिप को रेजिन से कवर किया जायेगा जिससे कपड़ों को धाेने पर वह ख़राब नहीं होगी । चिप लगे कपडे को पहनने में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। यह कपड़े आम तरह के कपडे का ही अहसास देंगे। सोलर पैनल से चार्जिंग के दौरान भी कपडे पहने व्यक्ति को को किसी तरह का अहसास नहीं होगा। तो दोस्तों हमें उम्मीद है कि आज की जानकारी आपको पसंद आई होगी। हमारे साथ जुड़ने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद! क्योंकि आप हैं तो हम हैं।
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