भगवान शिव को हिंदू धर्म में संहारक की उपाधि दी गई है। भगवान शिव में परस्पर विरोधी भावों का सामंजस्य मिलता है। शिव के मस्तक पर एक ओर शीतलता के प्रतिक चंद्र हैं। तो दूसरी तरफ महा विषैला सांप भी उनके गले का हार है। भगवान शिव अर्धनारीश्वर होते हुए भी काम जीत हैं। गृहस्थ होते हुए भी श्मशान वासी, सन्यासी हैं। सौम्य, आशुतोष होते हुए भी भयंकर रौद्र हैं। भगवान शिव के बारे में एक बात प्रसिद्ध है कि वह भांग और धतूरे जैसी नशीली चीजों का सेवन करते हैं। क्या वाकई भगवान शिव को भांग धतूरे जैसी चीजों का भोग लगाया जाता है और फिर क्यों उन्हें इस तरह की वस्तुएं प्रिय हैं।
देवी भागवत पुराण के अनुसार शिव जी ने जब समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को पी लिया था। तब वह बहुत व्याकुल हो गए थे। अश्विनी कुमारों ने भांग, धतूरा, बेल इत्यादि से निर्मित औषधियों से शिवजी की व्याकुलता दूर की थी। जो भी व्यक्ति इन वस्तुओं से शिवजी की पूजा करता है फिर भी उस पर भी प्रसन्न रहते हैं और मन जाता है उसी समय से भांग, धतूरा व बेलपत्र शिवजी को बहुत प्रिय है। परन्तु भगवान शिव भांग, धतूरे जैसी नशीली चीजों का नित्य सेवन करते थे इस बात में कोई सचाई नहीं है।
मित्रों आपने भी कई जगह भगवान शिव की ऐसी तस्वीर बनी देखी होगी जिसमे वे चिलम पीते हुए नजर आते हैं। यह भगवान शिव और हिन्दू धर्म की छवि खराब किए जाने की साजिश भर मात्र है। भगवान शिव हिन्दू धर्म का मूल है। ऐसी तस्वीर लगाना भगवान शिव का अनादर है। इससे बड़े दुःख की बात और क्या होगी की हमारे देश में कई व्यक्तियों ने ऐसे गीत बनाएं हैं जिसमें उन्हें भगवान शिव के भांग इत्यादि का सेवन करने का उल्लेख किया है। इनमे से कोई भी गीतकार या गायक यह जानने का प्रयास नहीं करता है कि सचाई क्या है। मैं जो यह गाना गा रहा हूं या गीत लिख रहा हूं उसका आधार क्या है। इस लेख के माध्यम से हमारा आपसे निवेदन है की यदि आपके घर, मंदिर या अन्य किसी भी स्थान पर भगवान शिव की ऐसी तस्वीर है तो उसे तुरंत हटा दें। व ऐसे गीत न देखें और न ही सोशल मीडिया पर शेयर करें। जिसमे भगवान शिव की छवि को जाने-अनजाने नुकसान पहुंचता हो।
शिव भक्तों में भांग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने का भी चलन है। किसी भी व्यक्ति को भांग पीने की मनाही नहीं हैं परन्तु भगवान शिव के नाम पर इसका सेवन करना और नशे को बढ़ावा देना भगवान शिव का घोर अपमान है। वैज्ञानिक दृश्टिकोण से देखा जाये तो अगर भांग को थोड़ी मात्रा में ली जाए तो यह दवा का काम करती है। इतने अनिद्रा, भूख कम लगने जैसी समस्याएं भी मिट सकती हैं। परंतु अधिक मात्रा में लेने या नियमित सेवन करने से शरीर को खासतौर पर यह आंतों को काफी प्रभावित करता है। उम्मीद करते हैं दोस्तों की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। ऐसी ही कई अन्य जानकारियों के लिए बने रहिए हमारे साथ । हमारे साथ जुड़ने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद, क्योंकि आप हैं तो हम हैं।
देवी भागवत पुराण के अनुसार शिव जी ने जब समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को पी लिया था। तब वह बहुत व्याकुल हो गए थे। अश्विनी कुमारों ने भांग, धतूरा, बेल इत्यादि से निर्मित औषधियों से शिवजी की व्याकुलता दूर की थी। जो भी व्यक्ति इन वस्तुओं से शिवजी की पूजा करता है फिर भी उस पर भी प्रसन्न रहते हैं और मन जाता है उसी समय से भांग, धतूरा व बेलपत्र शिवजी को बहुत प्रिय है। परन्तु भगवान शिव भांग, धतूरे जैसी नशीली चीजों का नित्य सेवन करते थे इस बात में कोई सचाई नहीं है।
मित्रों आपने भी कई जगह भगवान शिव की ऐसी तस्वीर बनी देखी होगी जिसमे वे चिलम पीते हुए नजर आते हैं। यह भगवान शिव और हिन्दू धर्म की छवि खराब किए जाने की साजिश भर मात्र है। भगवान शिव हिन्दू धर्म का मूल है। ऐसी तस्वीर लगाना भगवान शिव का अनादर है। इससे बड़े दुःख की बात और क्या होगी की हमारे देश में कई व्यक्तियों ने ऐसे गीत बनाएं हैं जिसमें उन्हें भगवान शिव के भांग इत्यादि का सेवन करने का उल्लेख किया है। इनमे से कोई भी गीतकार या गायक यह जानने का प्रयास नहीं करता है कि सचाई क्या है। मैं जो यह गाना गा रहा हूं या गीत लिख रहा हूं उसका आधार क्या है। इस लेख के माध्यम से हमारा आपसे निवेदन है की यदि आपके घर, मंदिर या अन्य किसी भी स्थान पर भगवान शिव की ऐसी तस्वीर है तो उसे तुरंत हटा दें। व ऐसे गीत न देखें और न ही सोशल मीडिया पर शेयर करें। जिसमे भगवान शिव की छवि को जाने-अनजाने नुकसान पहुंचता हो।
शिव भक्तों में भांग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने का भी चलन है। किसी भी व्यक्ति को भांग पीने की मनाही नहीं हैं परन्तु भगवान शिव के नाम पर इसका सेवन करना और नशे को बढ़ावा देना भगवान शिव का घोर अपमान है। वैज्ञानिक दृश्टिकोण से देखा जाये तो अगर भांग को थोड़ी मात्रा में ली जाए तो यह दवा का काम करती है। इतने अनिद्रा, भूख कम लगने जैसी समस्याएं भी मिट सकती हैं। परंतु अधिक मात्रा में लेने या नियमित सेवन करने से शरीर को खासतौर पर यह आंतों को काफी प्रभावित करता है। उम्मीद करते हैं दोस्तों की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। ऐसी ही कई अन्य जानकारियों के लिए बने रहिए हमारे साथ । हमारे साथ जुड़ने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद, क्योंकि आप हैं तो हम हैं।
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