नमस्कार दोस्तों, आज के लेख में हम आपको बताएंगे हज की शुरुआत की कहानी। हर मुसलमान के लिए हज यात्रा अहम मानी गई है। इस्लाम के मुताबिक हर मुसलमान को जिंदगी में एक बार हज जरूर करना चाहिए। तभी तो हर साल सऊदी अरब के मक्का में दुनिया भर के लाखों मुसलमान हज के लिए पहुंचते हैं। जिस तरह हिंदुओं के लिए तीर्थ यात्रा जरूरी है वैसे ही मुस्लिमों के लिए हज। हर साल भारत समेत दुनिया भर से करीब 20 लाख से ज्यादा मुस्लिम हज यात्रा के लिए सऊदी अरब के मक्का पहुंचते है ।
4000 साल पहले मक्का का मैदान पूरी तरह से वीरान था। मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर अब्राहम ने अपनी पत्नी हजीरा और बेटे इस्माइल को फलस्तीन से अरब लाने का निर्देश दिया। अल्लाह ने पैगंबर अब्राहम से उन्हें अपनी किस्मत पर छोड़ देने के लिए कहा। हजीरा और इस्माइल भूख और प्यास से बेहाल हो गए। मायूस हजीरा सफा और मरवा पहाड़ी से मदद की चाहत में नीचे उतरे। भूख और थकान से टूट चुकी हाजिर गिर गई और उन्होंने संकट से मुक्ति के लिए अल्लाह से गुहार लगाई। जब पैगंबर अब्राहम फलस्तीन से लौटे तो उन्होंने देखा उनका परिवार एक अच्छा जीवन जी रहा है। पैगंबर अब्राहम को अल्लाह ने तीर्थ स्थान बना कर समर्पित करने को कहा। अब्राहम और इस्माइल ने पत्थर का एक छोटा सा घनाकार निर्माण किया जिसे काबा कहा जाता है।
अल्लाह के प्रति अपने भरोसे को मजबूत करने के लिए हर साल मुसलमान यहां आते हैं। सदियों बाद मक्का एक फलता-फूलता शहर बन गया। सालों बाद अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद को कहा कि वह काबा को पहले जैसी स्थिति में लाए और वहां केवल अल्लाह की जियारत होने दे। 628 साल में पैगंबर मोहम्मद ने अपने 1400 अनुयायियों के साथ एक यात्रा शुरू की यह इस्लाम की पहली तीर्थ यात्रा बनी और इसी यात्रा में पैगंबर अब्राहम की धार्मिक परंपरा को फिर से स्थापित किया गया। इस तरह से हज यात्रा शुरू हुई थी।
दोस्तों हाजी के लिए एहराम नाम का विशेष वस्त्र पहनना जरूरी होता है। जो बिना सीले सफेद चादर के दो टुकड़े होते हैं। जिनका सर ढका होता है। महिलाएं किसी तरह का मेकअप या इत्र इस्तेमाल नहीं करती है। मुसलमानों में समानता के लिए ऐसा किया जाता है ताकि अमीरी और गरीबी का एहसास ना हो। हज की शुरुआत मक्का से होती है। कई लोग मक्का से पहले मदीना पहुंचते हैं। जहां पैगंबर मोहम्मद की मजार है और यही पर उन्होंने पहली मस्जिद बनाई थी।
दोस्तों इस बारे में आपका क्या कहना है? नीचे कमेंट बॉक्स में बता सकते है। उम्मीद करते हैं दोस्तों की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। ऐसी ही कई अन्य जानकारियों के लिए बने रहिए हमारे साथ। हमारे साथ जुड़ने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद, क्योंकि आप हैं तो हम हैं।
4000 साल पहले मक्का का मैदान पूरी तरह से वीरान था। मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर अब्राहम ने अपनी पत्नी हजीरा और बेटे इस्माइल को फलस्तीन से अरब लाने का निर्देश दिया। अल्लाह ने पैगंबर अब्राहम से उन्हें अपनी किस्मत पर छोड़ देने के लिए कहा। हजीरा और इस्माइल भूख और प्यास से बेहाल हो गए। मायूस हजीरा सफा और मरवा पहाड़ी से मदद की चाहत में नीचे उतरे। भूख और थकान से टूट चुकी हाजिर गिर गई और उन्होंने संकट से मुक्ति के लिए अल्लाह से गुहार लगाई। जब पैगंबर अब्राहम फलस्तीन से लौटे तो उन्होंने देखा उनका परिवार एक अच्छा जीवन जी रहा है। पैगंबर अब्राहम को अल्लाह ने तीर्थ स्थान बना कर समर्पित करने को कहा। अब्राहम और इस्माइल ने पत्थर का एक छोटा सा घनाकार निर्माण किया जिसे काबा कहा जाता है।
अल्लाह के प्रति अपने भरोसे को मजबूत करने के लिए हर साल मुसलमान यहां आते हैं। सदियों बाद मक्का एक फलता-फूलता शहर बन गया। सालों बाद अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद को कहा कि वह काबा को पहले जैसी स्थिति में लाए और वहां केवल अल्लाह की जियारत होने दे। 628 साल में पैगंबर मोहम्मद ने अपने 1400 अनुयायियों के साथ एक यात्रा शुरू की यह इस्लाम की पहली तीर्थ यात्रा बनी और इसी यात्रा में पैगंबर अब्राहम की धार्मिक परंपरा को फिर से स्थापित किया गया। इस तरह से हज यात्रा शुरू हुई थी।
दोस्तों हाजी के लिए एहराम नाम का विशेष वस्त्र पहनना जरूरी होता है। जो बिना सीले सफेद चादर के दो टुकड़े होते हैं। जिनका सर ढका होता है। महिलाएं किसी तरह का मेकअप या इत्र इस्तेमाल नहीं करती है। मुसलमानों में समानता के लिए ऐसा किया जाता है ताकि अमीरी और गरीबी का एहसास ना हो। हज की शुरुआत मक्का से होती है। कई लोग मक्का से पहले मदीना पहुंचते हैं। जहां पैगंबर मोहम्मद की मजार है और यही पर उन्होंने पहली मस्जिद बनाई थी।
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