23 नवंबर शुक्रवार के दिन कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि है। और हमारे हिंदू धर्म में इस पूर्णिमा का विशेष महत्व है। वैसे तो सिक्ख धर्म के लोगों के लिए भी यह पूर्णिमा खास है। क्योंकि इस दिन गुरु नानक देव जी की जयंती भी है। प्रत्येक वर्ष पंद्रह पूर्णिमाएं होती हैं। पर कार्तिक पूर्णिमा श्रेष्ठ मानी जाती है और इस बार की कार्तिक पूर्णिमा तो और भी बहुत खास है। इस वर्ष पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन निकलने वाला चाँद 70 साल के इतिहास का सबसे बड़ा चांद होगा। माना जाता है चंद्रमा से नकलने वाली किरणे काफी सकारात्मक होती है और यह किरणे सीधे हमारे दिमाग पर असर डालती है। कहते हैं इस दिन यदि आप उपवास रखते हैं तो हजार अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।
इस दिन आप टांसिल भोजन का सेवन न करें । यह आपके लिए अच्छा रहेगा। इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। कहा जाता है प्राचीन समय में इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था और इसी कारण इतनी पूरी पूर्ण भी कहते हैं। यह भी मान्यता है की कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। इस पूर्णिमा से हमारे हिन्दू धर्म की बहुत सारी चीजें जुड़ी हुई है। यही वजह है इस दिन को बहुत ही खास माना जाता है।
इस दिन पवित्र नदियों में अगर आप स्नान करते हैं और उसके बाद दीपदान करते हैं, पूजा आरती करते हैं तो यकीन मानिए आपको अनेक फल मिलेंगे। अगर आप इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान अगर नहीं कर पा रहे हैं तो घर में ही थोड़ा सा पानी में गंगाजल मिला कर स्नान करें। या आप नॉर्मल स्नान कर ले उसके बाद थोड़ा सा गंगाजल लेकर अपने सर पर दाल लें ऐसा करने से आपको समस्त तीर्थों का फल मिल जाएगा। इस दिन उपरोक्त बताई हुई बातें करने से जीवन में आपको कभी कोई तकलीफ नहीं होगी व भगवन शिव की असीम कृपा आप पर बनी रहेगी।धन्यवाद।
No comments:
Post a Comment