पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य मिला और इस समय उनके किए कामों को सराहा भी जाता है। लेकिन उन्होंने अपने शासन काल में ऐसी बड़ी गलतियां भी की जिन्हें भारत आज भी भुगत रहा है।
कोको आइलैंड- सबसे पहली गलती जो जवाहरलाल नेहरू ने कि वह था कोको आइलैंड। साल 1950 तक कोको आइलैंड भारत का हिस्सा था। जो कोलकाता से मात्र 900 किलोमीटर की दूरी पर था। जवाहरलाल नेहरू ने इस आयरलैंड को तोहफे के रूप में वर्मा को दें दिया और बाद में बर्मा ने कोको आइलैंड को चीन को तोहफे में दे दिया। यही वह आइलैंड है जिससे चीन भारत को आंख दिखाता है।
नेपाल का विलय - दूसरी गलती जो जवाहरलाल ने की वह थी भारत और नेपाल का विलय न करना। नेपाल के राजा विक्रम शाह चाहते थे कि नेपाल का विलय भारत में हो जाए। नेपाल भारत का एक राज्य बन जाए। लेकिन तत्कालीन प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू ने इस प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा दिया था कि दोनों देशों के विलय से फायदा कम और नुकसान ज्यादा है। से बता दें कि नेपाल अगर आज भारत का हिस्सा होता तो नेपाल के जरिए चाइना भारत को कभी ब्लैकमेल नहीं कर पाता।
संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता- तीसरी सबसे बड़ी गलती जो जवाहरलाल नेहरू ने की थी वही थी अमेरिका की तरफ से भारत को यूएन का सदस्य बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा देना। 1953 में अमेरिका ने भारत को यूएन का स्थाई सदस्य बनाने का प्रस्ताव दिया था। जवाहरलाल नेहरू ने अमेरिका के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और चीन को यूएन का सदस्य बनाने की वकालत की थी। और आज यूएन में चीन भारत के लिए समस्याएं खड़ी करता रहता है। जवाहरलाल नेहरू के प्रस्ताव को ठुकरा देने के बाद भारत ने यूएन का सदस्य बनने के लिए कई तरह की कोशिशें की लेकिन भारत आज तक जीवन का स्थाई सदस्य नहीं बन पाया जो की साल 1953 में आसानी से बन सकता था।
पंचशील समझौता- नेहरू की चौथी सबसे बड़ी गलती जिसे भारत आज भी भुगत रहा है वह है पंचशील समझौता 1953 में जब चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया था उस समय नेहरू चीन से दोस्ती के लिए बहुत उत्सुक थे। उन्होंने चीन के साथ पंचशील समझौता किया और इस समझौते के साथ ही भारत ने तिब्बत को चीन का हिस्सा मान लिया था। नेहरू ने चीन से दोस्ती की खातिर तिब्बत को भरोसे में लिए बिना उस पर चीन के कब्जे को मंजूरी दे दी और साल 1962 में जब भारत चीन युद्ध हुआ तो चीनी सैनिक तिब्बत के रास्ते से भारत के अंत घुस आये थे।
कश्मीर मुद्दा- पांचवी सबसे बड़ी गलती जो जवाहरलाल नेहरू ने की थी वह था कश्मीर मुद्दा। जब भारत और पाकिस्तान बटें तभी पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया था और कश्मीर को अपने कब्जे में करने की कोशिश की थी। लेकिन कश्मीर के राजा ने भारत के साथ रहने में ही अपनी भलाई समझी। पाकिस्तान को यह अच्छा नहीं लगा जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ। युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया लेकिन नेहरू ने यह ऐलान कर दिया कि कश्मीर की इस समस्या का फैसला यूएन में होगा जिसके बाद आज तक का फैसला नहीं हो पाया है और आज भी कश्मीर समस्या को भारत झेल रहा है और नेहरू की सबसे बड़ी गलतियों को भुगत रहा है।
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