नमस्कार दोस्तों, इस धरती पर जिसने भी जन्म लिया है। उसका मरना भी तय है। जन्म लेना और मरना ऊपर वाले के हाथ में है। मौत का कोई भरोसा नहीं कब , कहां और कैसे आ जाएगी कोई नहीं जानता। कहते हैं कि जिसकी मौत जहां लिखी होती है वह उसी जगह जाकर मरता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में एक ऐसी जगह भी है। जहां इंसानों के मरने पर पाबंदी है। जहां मरना मना है। यह सुनने में बहुत अजीब लगता है लेकिन यह सच है।
नॉर्वे के लॉन्गयेरब्येन शहर में यह प्रतिबंध लगा हुआ है। नॉर्वे का लॉन्गयेरब्येन शहर अपनी कई खासियत के चलते दुनिया भर में मशहूर है। दुनिया की सबसे उत्तरी छोर पर बसे इस शहर की आबादी 2000 के आसपास है। आइलैंड का यह अकेला ऐसा शहर है जहां पर जाने वाली ठंड के बावजूद लोग रह रहे हैं। चारों तरफ सिर्फ बर्फ ही बर्फ दिखाई देती है। इसीलिए इस जगह पर यातायात के लिए सिर्फ स्नो स्कूटर का इस्तेमाल किया जाता है। यहां साल में 4 महीने सूरज नहीं निकलता और 24 घंटे रात रहती है और 5 महीने सूरज अस्त ही नहीं होता है। रात हो या दिन सूरज दिखता रहता है। सबसे खास बात तो यह है कि यहां किसी को मरने की इजाजत नहीं है। लेकिन इस प्रतिबंध के पीछे का कारण जानकर आप भी इस प्रतिबंध का समर्थन करने लगेंगे।
शहर में एक बहुत ही छोटा सा कब्रिस्तान है। जिसमें पिछले 70 सालों से किसी को भी दफनाया नहीं गया है। दरअसल अत्यधिक ठंड और बर्फ में दबे रहने के कारण यहाँ लाशें जमीन पर घुलती नहीं है और ना ही खराब होती है। कई साल पहले वैज्ञानिकों ने यहां के कब्रिस्तान से एक डेड बॉडी का टिशु सैंपल के तौर पर लिए थे। और उसकी जांच करने पर उसमें अब भी इन्फ़्लुवेन्जा का वायरस पाया गया था । इसके बाद से यहां नो डेथ पॉलिसी लागू कर दी गई यही वजह है कि अगर यहां कोई गंभीर रूप से बीमार हो जाए या मौत के करीब पहुंच जाए तो उसे प्लेन या फिर शिप में बिठाकर नॉर्वे के दूसरे हिस्सों में भेज दिया जाता है।
यहां माइनस टेंपरेचर में जिंदगी जितनी मुश्किल है। उतना ही मुश्किल है पोलर बियर से निपटना यहां रहने वाले लोग या तो टूरिस्ट है या फिर शोधकर्ता वैज्ञानिक है । यहां पर हर वक्त पोलर बियर का खतरा रहता है। इनसे निपटने के लिए सभी को हाई पावर राइफल रखना जरूरी है। यहां पोलर बियर की आबादी एक हजार के करीब है। इन के डर से घर से बाहर हर शख्स आपको राइफल के साथ ही नजर आएगा।
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