नमस्कार दोस्तों, दोस्तों 27 अक्टूबर बहुत ही शुभ और ख़ास दिन है क्योंकि इस दिन करवा चौथ है। करवा चौथ का व्रत भारत में कई स्त्रियां रखती है। अपने पति की लंबी उम्र के लिए दोस्तों कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। कई स्त्रियां करवा चौथ पूजा की विधि को नहीं जानती है। अक्सर उन्हें अपने सासू मां से या फिर दूसरी स्त्रियों से सीखना पड़ता है। कई स्त्रियों को करवा चौथ पूजा की विधि जानने में बहुत कठिनाइयां होती है। तो दोस्तों इसी वजह से हम आज के इस लेख में आपको करवा चौथ के पूजा की संपूर्ण विधि बताएँगे। आइये जानते है ।
सूर्योदय से पहले स्नान कर लें और व्रत लेने का संकल्प करें। व्रत करने से पहले सरगी खाएं। सरगी खाने के बाद करवा चौथ का निर्जल व्रत शुरू हो जाता है। शाम को पूजा के समय आप इस मंत्र का जाप जरूर करें।
मंत्र इस प्रकार है- “नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥
व्रत से एक दिन पहले आपको चावल पिसवा कर रखना होगा । करवा चौथ के दिन पीसी हुए चावल का आप घोल लें और फिर गेरू से दीवार पर फलक बनाकर चावल के घोल से करवा चित्रित करें। इस चित्र को करवा धरना कहा जाता है। दोस्तों फिर इसके बाद आपको पीली मिट्टी से गौरी बनाकर उनकी गोद में गणेश जी को बिठाना होगा और उनकी पूजा करनी होगी। माँ पार्वती और शिव की आराधना करें। करवा चौथ के व्रत में रात्रि के समय चंद्रमा को अर्ध देना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। करवा चौथ का व्रत रखने वाली हर स्त्री या चंद्रमा को अर्ध देने बाद छलनी में अपने पति को देखकर उनका आशीर्वाद लें । दोस्तों आपको यह लेख कैसा लगा कमेंट में जरूर बताएं। धन्यवाद।
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