नमस्कार दोस्तों, सोशल मीडिया पर फैलता अफवाहों का जाल समाज के ताने-बाने को बुरी तरह से तहस-नहस कर रहा है। लोग आंखें मूंद कर व्हाट्सऐप या ऐसे ही दूसरे प्लेटफॉर्मस पर आई झूठी बातों, फर्जी खबरों और अफ़वाहों पर भरोसा कर रहे है। बिना सचाई जाने व सुचना को सत्यापित करे हर कोई धड़ले से इन खबरों को फैला रहा है। मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुए अध्ययन में कहा गया है। कि सोशल मीडिया से झूठी खबरें छह गुना अधिक तेजी से फैलती हैं।
इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक सन्देश बहुत वायरल हो रहा है। जिसमे कहा जा रहा है की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 4 साल के शासन काल में भारत देश ने वर्ल्ड बैंक से एक रुपये का भी कर्ज नहीं लिया है। और साथ ही यह दावा किया जा रहा है। भारत मोदी राज में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन और सोनिया गाँधी ने वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेकर सिर्फ अपनी जेबें भरी, देश के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है ।
हमारे लिए यह जानना जरुरी है विश्व के बड़े से बड़े विकसित देश भी वर्ल्ड बैंक से कर्ज उठाते है। व भारतीय इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री के शासन काल ऐसा नहीं हुआ है। की देश ने विकाश कार्यों के लिए विश्व बैंक से कर्ज न लिया गया हो इस वायरल सन्देश को सत्यापित करने के लिए यदि आप विश्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जायेंगे तो इस वायरल मैसेज की सचाई सामने आ जाएगी। भारत ने इसी वर्ष 2 फ़रवरी को विश्व बैंक से करार किया है। जिसके तहत विश्व बैंक भारत को वाराणसी से हल्दिया के बीच 1360 किलोमीटर जलमार्ग बनाने के लिए 251 अरब रुपये कर्ज के रूप में देगा। मोदी शासन में इस वर्ष लिए गए कर्जों का संक्षिप्त विवरण कुछ इस प्रकार है ।
1- 23 जनवरी 2018 को उत्तराखंड में पानी की सप्लाई के लिए विश्व बैंक ने भारत सरकार को करीब 8 अरब रुपये का कर्ज दिया है।
2 - 31 जनवरी 2018 को विश्व बैंक की ओर से तमिलनाडु के गांवों की हालत सुधारने के लिए 6.5 अरब रुपये का कर्ज लिया गया है।
3 - 24 अप्रैल 2018 को मध्यप्रदेश के गांवों की सड़कों की हालत दुरुस्त करने के लिए करीब 14 अरब रुपये का कर्ज विश्व बैंक ने भारत को दिया है।
4 - अप्रैल 2018 में ही भारत सरकार ने विश्व बैंक से 125 मिलियन डॉलर ((8 अरब 36 करोड़ रुपये) का कर्ज दवाइयों को बनाने और उनकी गुणवत्ता को सुधारने के लिए लिया है।
5 - 8 मई को भारत में चल रहे राष्ट्रीय कुपोषण मिशन के लिए विश्व बैंक ने 13.5 अरब रुपये का कर्ज दिया है।
सचाई तो ये है मोदी सरकार ने अन्य सरकारों की अपेक्षा सबसे ज्यादा कर्ज लिया हुआ है। पिछले 4 सालों के कार्यकाल में।
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