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Monday, June 24, 2019

इंसानों के सिर पर निकल रहे हैं सींग, जानिए कैसे मोबाइल बन रहा है इसकी वजह

वर्तमान समय में मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक खास हिस्सा बन गया है। सुबह नींद से जागते ही मोबाइल हमारे हाथों में आ जाता है और रात में सोने तक हमारी उंगलियां इस पर चलती ही रहती हैं। एक तरह से हम यह भी कह सकते हैं कि यह हमारी आदत या फिर एक लत की तरह हो गया है। हर कोई जानता है कि मोबाइल से कई तरह के नुकसान होते हैं परंतु अब जो रिसर्च सामने आया है उसके हिसाब से मोबाइल का अधिक प्रयोग करने वाले युवाओं के सिर में सींग निकल रही है और इस बात की पुष्टि इंसानी सिर के स्कैन से भी हो गई है।
आपको यह बात जानकर थोड़ी बहुत हैरानी तो हो ही रही होगी कि मोबाइल मानव कंकाल में बदलाव ला रहा है। बायोमैकेनिक्स जिसे हिंदी में जैव यांत्रिकी कहते हैं, पर किए गए एक शोध में यह बात पता चली है कि मोबाइल का प्रयोग करते समय अपने सिर को ज्यादा झुकाने की वजह से युवा अपनी खोपड़ी के पीछे सींग विकसित कर रहे हैं। इस रिसर्च की मानें तो मोबाइल पर अधिक टाइम स्पेंड करने वाले यंगस्टर खासकर जिनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है, वह इसके ज्यादा शिकार हो रहे हैं। यह रिसर्च ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड शहर में स्थित सनशाइन कोस्ट यूनिवर्सिटी में किया गया है।
सामान्यता मोबाइल का प्रयोग करते समय लोग लगातार अपने सिर को ऊपर-नीचे हिलाते रहते हैं, ऐसा करने से गर्दन के पीछे की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। जिससे हड्डी बाहर की तरफ निकल आती हैं, जो किसी सींग की तरह दिखाई देती है और ऐसा सिर पर लगातार ज्यादा दबाव पड़ने के कारण हो रहा है। बैकबोन से वेट के शिफ्ट होकर सिर के पीछे की मसल्स तक जाने से कनेक्टिंग टेंडन और लिगामेंट्स में हड्डी का विकास होने लगता है, जिसके फलस्वरूप एक खूट या सींग की तरह की हड्डी बढ़ रही है, जो कि गर्दन के ठीक ऊपर की तरफ सिर से बाहर निकली हुई है।
वॉशिंगटन टाइम्स के अनुसार सिर के निचले हिस्से पर इस कांटेदार हड्डी को देखा जा सकता है। डॉक्टरों के अनुसार इंसानी खोपड़ी का वेट लगभग 4.5 किलोग्राम होता है। मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते समय उपयोगकर्ता को छोटी स्क्रीन होने की वजह से उस पर देखने के लिए अपने सिर को सामने की ओर झुकाना पड़ता है। रिसर्चर्स का दावा है कि तकनीक का इंसानी शरीर पर पड़ने वाले नेगेटिव इफैक्ट्स का यह अपनी तरह का पहला डॉक्यूमेंट है।
रिसर्चर्स का फर्स्ट पेपर जनरल ऑफ एनाटॉमी में साल 2016 में पब्लिश हुआ था, जिसमें 18 से 30 वर्ष के बीच के 216 लोगों के एक्स-रे को बतौर एग्जांपल पेश किया गया था। रिसर्च में यह बात कही गई कि 40% यंगस्टर के सिर की हड्डी में यह ग्रोथ देखी जा सकती है, जोकि अनुमान की तुलना से बहुत अधिक है। सिर के पीछे की हड्डी में यह बढ़ोतरी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा देखी गई है। इसी तरह रिसर्चर्स का दूसरा पेपर साल 2018 में पब्लिश हुआ, जिसमें चार युवाओं पर अध्ययन किया गया था। रिसर्च में यह बात कही गई है कि इन टीनएजर्स के सिर पर सींग जेनेटिक नहीं थी बल्कि खोपड़ी और गर्दन पर पड़ रहे प्रेशर की वजह से थी।

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