भारतीय कानून द्वारा हर भारतीय नागरिक को कुछ अधिकार दिए गए हैं जिनको जानना हर भारतीय के लिए जरूरी है। यदि आप इन अधिकारों के बारे में जान जाएंगे तो पुलिस आपको परेशान नहीं करेगी और पुलिस आपको परेशान करे इससे बचने के लिए आपको अपने इन 5 अधिकारों को जानना बेहद जरूरी है। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वह अधिकार।
पुलिस से जुड़े आपके 5 अधिकार-
1- पुलिस को यह अधिकार है कि वह सक के बिना पर किसी भी व्यक्ति को थाने बुला सकती है और थाने बुलाकर पूछताछ कर सकती है। पुलिस को यह भी अधिकार है कि अगर आप किसी मामले में संदिग्ध है तो वह थाने बुलाए और थाने बुलाकर आप से पूछताछ करे, लेकिन वहीं आपको यह अधिकार मिल जाता है कि यदि पुलिस ने आपको थाने बुलाया है और पूछताछ कर रही है तो आपसे नाम और बेसिक इंफॉर्मेशन से ज्यादा अगर कोई इंफॉर्मेशन पुलिस मांग रही है तो फिर आप अपने रिश्तेदार या वकील को थाने में बुला सकते हैं। ऐसा करने से पुलिस आपको नहीं रोकेगी। रिश्तेदार और वकील के माध्यम से आप अपनी बात पुलिस के सामने रख सकते हैं।
2- कोई भी पुलिस अधिकारी बिना किसी सर्च वारंट और बिना आपकी परमिशन के आपके घर में नहीं घुस सकता है। अगर कोई पुलिस वाला बिना सर्च वारंट के आपके घर में घुसने की कोशिश करता है या बिना आपकी परमिशन के घुसने की कोशिश करता है तो आप उसे रोक सकते हैं। कुछ विशेष परिस्थितियों में पुलिस को यह छूट है जहां पर बिल्कुल सर्टेनली पुलिस को मालूम होता है कि यहां पर कुछ गलत है वहीं पर पुलिस जबरन घुस सकती है अन्यथा नहीं।
3- महिलाओं से संबंधित किसी भी अपराध में जैसे रेप हुआ हो या फिर अन्य कोई अपराध हुआ हो उन अपराधों में पुलिस को बिल्कुल यह अधिकार नहीं है कि वह महिला के नाम उजागर करे। महिला के नाम को गुप्त रखना पुलिस की ड्यूटी है और वह ऐसा नहीं कर सकती कि वह महिला का नाम उजागर कर दे। साथ ही महिला से पूछताछ के लिए पुलिस थाने में महिला अधिकारी या कांस्टेबल का होना जरूरी है, तभी महिला से पूछताछ की जा सकती है अन्यथा नहीं।
4- रात्रि के समय किसी भी महिला को थाने में नहीं बुलाया जा सकता है और साथ ही उसे लॉकअप में नहीं रखा जा सकता है।
5- यदि आप किसी मुकदमे में फंस जाते हैं और पुलिस ने आपको मनमाने तरीके से गिरफ्तार कर लिया है या मनमाने तरीके से आपके साथ कोई ज्यादती कर रही है तो ऐसी स्थिति में भी आपके पास यह अधिकार है कि आप पुलिस के उच्चाधिकारियों को शिकायत करें। अगर उच्चाधिकारियों द्वारा आपकी शिकायत पर सुनवाई नहीं होती है तो आप अदालत में जाएं और वहां से पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए आर्डर ले सकते हैं।
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