जर्मनी में एक नर्स ने मरीजों को फिर से जिंदा करने की चाहत में उनकी जान ले ली। इस प्रयोग में उसने 85 मरीजों को मौत के घाट उतार दिया। अदालत ने उसे इन हत्याओं का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
नील्स होएगेल पर 1999 से 2002 के बीच ओल्डनबर्ग और 2003 से 2005 के बीच जर्मनी के एक अन्य अस्पताल में 300 मरीजों की हत्या का आरोप है। हालांकि उसे सिर्फ 85 मौतों का दोषी पाया गया है। माना जा रहा है 42 वर्षीय नील्स होएगेल शांति काल के बाद दुनिया का सबसे खतरनाक सीरियल किलर है।
नील्स मरीजों को सिर्फ हार्ट अटैक की स्थिति तक पहुंचा था और फिर उन्हें ठीक कर दिया करता था। ऐसा वह लगातार इन्हीं अस्पताल में करता रहा। उसके इस प्रयोग के कारण कई मरीजों की जान गई। 7 महीने की सुनवाई के बाद आखिरकार ओल्डनबर्ग की अदालत ने गुरुवार को नील्स को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया कि दोषी नील्स को आजीवन कारावास की तय सीमा से अधिक वक्त तक जेल में रखा जाए। अदालत में सुनवाई के आखिरी दिन नील्स होएगेल ने अपने किए अपराध के लिए पीड़ितों के परिवारों से माफी मांगी है।
नील्स होएगेल पर 1999 से 2002 के बीच ओल्डनबर्ग और 2003 से 2005 के बीच जर्मनी के एक अन्य अस्पताल में 300 मरीजों की हत्या का आरोप है। हालांकि उसे सिर्फ 85 मौतों का दोषी पाया गया है। माना जा रहा है 42 वर्षीय नील्स होएगेल शांति काल के बाद दुनिया का सबसे खतरनाक सीरियल किलर है।
नील्स मरीजों को सिर्फ हार्ट अटैक की स्थिति तक पहुंचा था और फिर उन्हें ठीक कर दिया करता था। ऐसा वह लगातार इन्हीं अस्पताल में करता रहा। उसके इस प्रयोग के कारण कई मरीजों की जान गई। 7 महीने की सुनवाई के बाद आखिरकार ओल्डनबर्ग की अदालत ने गुरुवार को नील्स को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया कि दोषी नील्स को आजीवन कारावास की तय सीमा से अधिक वक्त तक जेल में रखा जाए। अदालत में सुनवाई के आखिरी दिन नील्स होएगेल ने अपने किए अपराध के लिए पीड़ितों के परिवारों से माफी मांगी है।
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