अगर आप भी टिक टॉक के दीवाने हैं तो आपके लिए एक बुरी खबर है क्योंकि जल्द ही यह एप गूगल और एप्पल के ऐप स्टोर से गायब होने वाला है। इस मामले में मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कथित तौर पर गूगल और एप्पल को टिक टॉक हटाने को कहा है। तो क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं।
व्हाट्सएप की तरह है टिक टॉक भी एक सोशल मीडिया एप्लीकेशन है, जिसके जरिए यूजर छोटे-छोटे वीडियो बनाकर इसे शेयर कर सकते हैं। भारत में टिक टॉक डाउनलोड का आंकड़ा 100 मिलियन से ज्यादा है। भारतीयों में टिकटों की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 8 मिलीयन यूजर्स ने गूगल प्ले स्टोर पर इसका रिव्यू किया। इसके जरिए जहां लोगों का मनोरंजन किया जा रहा है तो वहीं इसके साथ-साथ कुछ अश्लील सामग्री भी परोसी जा रही है। जिसे लेकर मद्रास उच्च न्यायालय ने चिंता जाहिर की थी और 3 अप्रैल को सरकार को निर्देश दिया था कि वह मोबाइल एप्लीकेशन टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाएं। इसके बाद यह मामला सुप्रीमकोर्ट पहुंचा जहां सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर दखल देने से इंकार कर दिया।
जिसके बाद अब इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस पर कड़ी कार्यवाही की है। मंत्रालय ने कथित तौर से गूगल और एप्पल को अपने एप स्टोर से चीनी वीडियो शेयरिंग एप्लीकेशन टिक टॉक को हटाने के लिए कहा है। वहीं टिक टॉक ने इस आदेश को भेदभाव पूर्ण और मनमाना बताया है। अपने बचाव में टिक टॉक ने कहा है कि उसे अश्लील और अनुचित सामग्री के लिए उत्तरदाई नहीं ठहराया जा सकता है। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी। ऐसे ही कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए बने रहें हमारे साथ।
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