साल 2014 में अभूतपूर्व जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी इस कदर आश्वस्त हो गई कि वह 2019 के मुकाबले में न सिर्फ फिर सत्ता की दहलीज लांघने का दावा कर रही है बल्कि 350 प्लस का नारा भी लगा रही है। पीएम मोदी से लेकर अमित शाह की जुबान पर सिर्फ जीत के दावे हैं। लेकिन अब मोदी सरकार के लिए एक बुरी खबर है। एक सर्वे में यह सामने आया है कि 1 महीने के भीतर मोदी सरकार की लोकप्रियता में गिरावट आई है।
बालाकोट हमले के बाद से ही मोदी सरकार लगातार इस मुद्दे को भुना रही है। प्रधानमंत्री मोदी हर मंच से राष्ट्रवाद के गीत गा रहे हैं, विपक्ष पर हमला बोल रहे हैं। लेकिन एक सर्वे के मुताबिक राष्ट्रवाद का मुद्दा मोदी सरकार के लिए जादू की छड़ी का काम नहीं करने वाला। दरअसल सीवोटर- आईएएनएस ट्रैकर के सर्वे में यह बात सामने आई है की नरेंद्र मोदी सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग में 12 मार्च से 12 अप्रैल के बीच 12 अंकों की गिरावट आई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार की प्रदर्शन रेटिंग 26 फरवरी बालाकोट हमले के बाद के दिनों में काफी बढ़ गई थी और 7 मार्च को यह 62.6 के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई थी। लेकिन 22 मार्च तक 50 से 59 के बीच रहने के बाद पहले चरण के मतदान से 1 दिन पहले 12 अप्रैल को सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग घटकर 43.25 रह गई। जबकि ठीक एक महीने पहले 12 मार्च को सरकार को पसंद करने वाले लोगों की रेटिंग 55.28 थी। बताया जा रहा है कि 7 मार्च को 51.32% उत्तर दाताओं ने कहा था कि वह सरकार के प्रदर्शन से काफी संतुष्ट हैं।
हालांकि सर्वेक्षण में शामिल सभी लोगों के जवाब को ध्यान में रखते हुए सरकार के लिए लोगों की रेटिंग में लगातार गिरावट रही है और यह पुलवामा हमले से पहले के स्तर पर आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी को सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग 32.4 थी और मध्य फरवरी के बीच पुलवामा हमला हुआ तब लगातार बढ़ने से पहले पूरे महीने 30 से 40% के बीच बनी रही। इसके बाद बालाकोट हवाई हमले की कार्यवाही के बाद रेटिंग में तेजी से वृद्धि हुई थी। इसी को देखते हुए इस बार मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लड़ रही है। ऐसे में यह सर्वे सरकार के लिए किसी झटके से कम नहीं है। आपकी क्या राय है, आप कितने संतुष्ट है मोदी सरकार के कार्यकाल से? हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएं।
बालाकोट हमले के बाद से ही मोदी सरकार लगातार इस मुद्दे को भुना रही है। प्रधानमंत्री मोदी हर मंच से राष्ट्रवाद के गीत गा रहे हैं, विपक्ष पर हमला बोल रहे हैं। लेकिन एक सर्वे के मुताबिक राष्ट्रवाद का मुद्दा मोदी सरकार के लिए जादू की छड़ी का काम नहीं करने वाला। दरअसल सीवोटर- आईएएनएस ट्रैकर के सर्वे में यह बात सामने आई है की नरेंद्र मोदी सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग में 12 मार्च से 12 अप्रैल के बीच 12 अंकों की गिरावट आई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार की प्रदर्शन रेटिंग 26 फरवरी बालाकोट हमले के बाद के दिनों में काफी बढ़ गई थी और 7 मार्च को यह 62.6 के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई थी। लेकिन 22 मार्च तक 50 से 59 के बीच रहने के बाद पहले चरण के मतदान से 1 दिन पहले 12 अप्रैल को सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग घटकर 43.25 रह गई। जबकि ठीक एक महीने पहले 12 मार्च को सरकार को पसंद करने वाले लोगों की रेटिंग 55.28 थी। बताया जा रहा है कि 7 मार्च को 51.32% उत्तर दाताओं ने कहा था कि वह सरकार के प्रदर्शन से काफी संतुष्ट हैं।
हालांकि सर्वेक्षण में शामिल सभी लोगों के जवाब को ध्यान में रखते हुए सरकार के लिए लोगों की रेटिंग में लगातार गिरावट रही है और यह पुलवामा हमले से पहले के स्तर पर आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी को सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग 32.4 थी और मध्य फरवरी के बीच पुलवामा हमला हुआ तब लगातार बढ़ने से पहले पूरे महीने 30 से 40% के बीच बनी रही। इसके बाद बालाकोट हवाई हमले की कार्यवाही के बाद रेटिंग में तेजी से वृद्धि हुई थी। इसी को देखते हुए इस बार मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लड़ रही है। ऐसे में यह सर्वे सरकार के लिए किसी झटके से कम नहीं है। आपकी क्या राय है, आप कितने संतुष्ट है मोदी सरकार के कार्यकाल से? हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएं।
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