शाहजहांपुर के जिला प्रशासन ने बहुत कोशिश की लेकिन लाट साहब को जूते खाने से नहीं बचा पाए। होली के मौके पर लाट साहब का जुलूस अपने पूरे शानोशौकत के साथ निकाला गया। पुलिस ने इस जुलूस के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम भी किए थे, लेकिन पुलिस भी लाट साहब को जूते खाने से नहीं रोक पाई। लोगों ने लाट साहब को जी भर के जुतियाया।
अगर आपको कुछ समझ में नहीं आ रहा है तो बता दें शाहजहांपुर में ब्रिटिश शासन काल के खिलाफ एक रोचक परंपरा कई वर्षों से निभाई जाती आ रही है। ब्रिटिश शासन काल में गवर्नर जनरल को लाट साहब कहा जाता था और शाहजहांपुर में यह जुलूस ब्रिटिश शासकों द्वारा भारतीयों पर किए गए जुल्मों सितम के खिलाफ गुस्सा जाहिर करने के तौर पर प्रत्येक वर्ष होली पर निकाला जाता है। इस जुलूस में एक व्यक्ति को लाट साहब के प्रतीक रूप में बैलगाड़ी पर एक तख्त के ऊपर बैठाया जाता है और कुछ लोग उस व्यक्ति पर झाड़ू से हवा करते हैं।
जुलूस में हुरियारे लाट साहब की जय के नारे लगाते हुए उस व्यक्ति को जूते मारते हैं। लेकिन इस बार प्रशासन ने लाट साहब को जूते मारने पर पाबंदी लगाई थी। परंतु प्रशासन की कोशिशों के बाद भी हुरियारे कहां मानने वाले थे, प्रशासन की सख्ती के बाद भी हुरियारे ने लाट साहब पर जमकर जूते बरसाएं। यह जुलूस शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए अपने गंतव्य तक पहुंच कर संपन्न हुआ।
आपकी क्या राय है इस अजीब सी परंपरा के बारे में हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।
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