प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार भी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के चुनावी ताल ठोक सकते हैं। पिछले चुनाव में उन्हें केजरीवाल समेत कई दावेदारों ने चुनौती दी थी, लेकिन जीत नरेंद्र मोदी की हुई। अब इस बार उनका मुकाबला किससे होगा कांग्रेस, सपा और बसपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन इन पार्टियों से अलग एक नाम ऐसा भी है जिसने कसम खाई है कि मैं वाराणसी से पीएम मोदी को जीतने नहीं दूंगा। तो कौन है वह, आइए जानते हैं।
उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां बुआ भतीजे यानी मायावती अखिलेश की जोड़ी बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में प्रियंका की एंट्री ने भी बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है। लेकिन अब भीम आर्मी ने भी पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से ऐलान कर दिया है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ जहां मजबूत प्रत्याशी की जरूरत हुई वहां वह अपने उम्मीदवार उतारेंगे। इतना ही नहीं चंद्रशेखर ने दावा किया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा वाराणसी लोकसभा सीट से निर्वाचित नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि मैं संविधान और दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए वाराणसी से प्रधानमंत्री को चुनौती दूंगा, मैं सांसद या विधायक नहीं बनना चाहता अगर ऐसा होता तो मैं सुरक्षित सीट चुनता।
चंद्रशेखर ने कहा कि जब प्रधानमंत्री को पता चला हम वाराणसी से उनको चुनौती देने वाले हैं तो उन्होंने इलाहाबाद में स्वच्छता कर्मियों के चरण धोने शुरू कर दिए। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि सामान्य श्रेणी के कमजोर लोगों को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने का मोदी सरकार का फैसला संविधान पर हमला है, मोदी सरकार अपना हित साध रही है। आपको बता दें पिछले कई दिनों से खबरें आ रही थी कि चंद्रशेखर आजाद पीएम मोदी को वाराणसी से चुनौती दे सकते हैं। मगर आप उन्होंने खुद इसका ऐलान कर दिया है।
गौरतलब है कि सहारनपुर में हुई घटना के बाद भीम आर्मी का नाम सामने आया था। यह सेना खुद को दलितों का रहनुमा बताती है, जिसे दलित पूर्ण समर्थन कर रहे हैं। इस संगठन का मुखिया कोई नेता नहीं बल्कि पेशे से वकील चंद्रशेखर आजाद हैं। चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया के जरिए काफी सुर्खियां बटोरी हैं, उन्होंने फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से कई लोगों को भीम आर्मी से जोड़ने का काम किया है।
आपकी क्या राय है, क्या चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी पीएम मोदी को वाराणसी सीट जीतने से रोक पाएगी? कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।
उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां बुआ भतीजे यानी मायावती अखिलेश की जोड़ी बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में प्रियंका की एंट्री ने भी बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है। लेकिन अब भीम आर्मी ने भी पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से ऐलान कर दिया है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ जहां मजबूत प्रत्याशी की जरूरत हुई वहां वह अपने उम्मीदवार उतारेंगे। इतना ही नहीं चंद्रशेखर ने दावा किया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा वाराणसी लोकसभा सीट से निर्वाचित नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि मैं संविधान और दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए वाराणसी से प्रधानमंत्री को चुनौती दूंगा, मैं सांसद या विधायक नहीं बनना चाहता अगर ऐसा होता तो मैं सुरक्षित सीट चुनता।
चंद्रशेखर ने कहा कि जब प्रधानमंत्री को पता चला हम वाराणसी से उनको चुनौती देने वाले हैं तो उन्होंने इलाहाबाद में स्वच्छता कर्मियों के चरण धोने शुरू कर दिए। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि सामान्य श्रेणी के कमजोर लोगों को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने का मोदी सरकार का फैसला संविधान पर हमला है, मोदी सरकार अपना हित साध रही है। आपको बता दें पिछले कई दिनों से खबरें आ रही थी कि चंद्रशेखर आजाद पीएम मोदी को वाराणसी से चुनौती दे सकते हैं। मगर आप उन्होंने खुद इसका ऐलान कर दिया है।
गौरतलब है कि सहारनपुर में हुई घटना के बाद भीम आर्मी का नाम सामने आया था। यह सेना खुद को दलितों का रहनुमा बताती है, जिसे दलित पूर्ण समर्थन कर रहे हैं। इस संगठन का मुखिया कोई नेता नहीं बल्कि पेशे से वकील चंद्रशेखर आजाद हैं। चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया के जरिए काफी सुर्खियां बटोरी हैं, उन्होंने फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से कई लोगों को भीम आर्मी से जोड़ने का काम किया है।
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