घर के घर जल गए, जहां कभी इंसानों की बस्ती थी वहां आग और धुआं था। तिनका-तिनका जोड़ कर बनाया गया आशियाना आंखों के सामने ही जल उठा और लोग बेबस होकर देखते रहे। हाथ में पानी की बाल्टी लेकर लोग भीषण आग से लड़ने लगे। आखरी उम्मीद तक लोगों ने अपने घर को बचाने की कोशिश की। धुए से पूरा आसमान ढक गया। हर तरफ चीख-पुकार मच गई। यह हंगामा और आगजनी की तस्वीर मेरठ के सदर इलाके की है। लोग अपनी बस्ती को बेबसी से जलते देख रहे हैं।
लगभग पूरी बस्ती जलकर खाक होने को है, लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का दूर-दूर तक अता पता नहीं है। लोगों का गुस्सा रह-रहकर पुलिस पर फूट रहा है। उनका कहना है कि आग पुलिस ने लगाई है। दरअसल बताया यह जा रहा है कि कैंटोनमेंट बोर्ड और पुलिस की टीम बुधवार दोपहर यहां पर एक अवैध निर्माण को तोड़ने के मकसद से पहुंची थी। तभी इलाके के लोगों और पुलिस के बीच में किसी बात को लेकर कहासुनी हुई। जिसके बाद बस्ती में आग लग गई।
पुलिस के मुताबिक कैंट बोर्ड की टीम पुलिस के साथ अवैध निर्माण रोकने पहुंची थी। इसी बात को लेकर बवाल हुआ, हालांकि पुलिस जांच का हवाला दे रही है। आग के बाद लोगों ने जमकर तांडव किया। लोगों ने मेरठ दिल्ली रोड पर पहले तो जाम लगाया और फिर वहां से गुजर रही सरकारी बसों समेत कई दूसरी गाड़ियों पर पत्थर बरसाए। प्रशासन ने अगले आदेश तक मेरठ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
लगभग पूरी बस्ती जलकर खाक होने को है, लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का दूर-दूर तक अता पता नहीं है। लोगों का गुस्सा रह-रहकर पुलिस पर फूट रहा है। उनका कहना है कि आग पुलिस ने लगाई है। दरअसल बताया यह जा रहा है कि कैंटोनमेंट बोर्ड और पुलिस की टीम बुधवार दोपहर यहां पर एक अवैध निर्माण को तोड़ने के मकसद से पहुंची थी। तभी इलाके के लोगों और पुलिस के बीच में किसी बात को लेकर कहासुनी हुई। जिसके बाद बस्ती में आग लग गई।
पुलिस के मुताबिक कैंट बोर्ड की टीम पुलिस के साथ अवैध निर्माण रोकने पहुंची थी। इसी बात को लेकर बवाल हुआ, हालांकि पुलिस जांच का हवाला दे रही है। आग के बाद लोगों ने जमकर तांडव किया। लोगों ने मेरठ दिल्ली रोड पर पहले तो जाम लगाया और फिर वहां से गुजर रही सरकारी बसों समेत कई दूसरी गाड़ियों पर पत्थर बरसाए। प्रशासन ने अगले आदेश तक मेरठ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
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