तेज गति से दौड़ने वाली T 18 यानी वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर मोदी सरकार फूली नहीं समा रही है। पीएम मोदी से लेकर रेल मंत्री तक सरकार की तारीफों के पुल बांध रहे हैं। लेकिन एक बार फिर सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं। क्योंकि जनता के सफर करने से पहले ही ट्रेन का इंजन खराब हो गया यह ट्रेन अपनी रफ्तार से दिल्ली तक भी नहीं पहुंच पाई। जिसके बाद अब इसे रविवार से लोगों के लिए शुरू करने पर सवाल खड़ा हो गया है।
देश की सबसे तेज ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएं एक दिन गुजरा भी नहीं था की इंजन हाफने लगा। वाराणसी से चली ट्रेन की रफ्तार दिल्ली आने से पहले ही थम गई। वंदे भारत एक्सप्रेस को रविवार के लिए अपने पहले कमर्शियल रन के लिए वाराणसी से नई दिल्ली वापस लाया जा रहा था। इस दौरान ट्रेन का इंजन फेल हो गया और कुछ कोच की बिजली चली गई। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के टूंडला जंक्शन से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर ट्रेन के पिछले डिब्बे से संदिग्ध आवाजें आनी शुरू हो गई। इसके बाद पहियों में रुकावट आने लगी और पिछले कोच के पहिए जाम हो गए। ब्रेकिंग सिस्टम और बिजली सप्लाई में समस्या आने के बाद इंजीनियर इसे ठीक करने के लिए उत्तर रेलवे के संपर्क में है।
आपको बता दें कि शुक्रवार को ही पीएम मोदी ने नई दिल्ली से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। मेक इन इंडिया के तहत बनाई इस ट्रेन की स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन इसे 130 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चला जा रहा है। इसकी खासियत है कि इसमें कोई अलग से इंजन नहीं है। रेलगाड़ी में कुल 16 डब्बे लगे हैं। इसे बनाने में 97 करोड रुपए की लागत आई है। इस ट्रेन को शताब्दी एक्सप्रेस रेलगाड़ी का उत्तराधिकारी माना जा रहा है जो 30 साल पहले विकसित की गई थी। रेल मंत्री पीयूष गोयल इस ट्रेन की तारीफ करते नहीं थक रहे थे लेकिन अब ट्रेन के रुकते ही पीएम मोदी के दावों की पोल खुल गई है। तस्वीर एक बार फिर साफ हो गई कि रेलवे का हाल अब भी बेहाल है। अब तो सस्पेंस बुलेट ट्रेन पर भी खड़ा हो गया है।
देश की सबसे तेज ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएं एक दिन गुजरा भी नहीं था की इंजन हाफने लगा। वाराणसी से चली ट्रेन की रफ्तार दिल्ली आने से पहले ही थम गई। वंदे भारत एक्सप्रेस को रविवार के लिए अपने पहले कमर्शियल रन के लिए वाराणसी से नई दिल्ली वापस लाया जा रहा था। इस दौरान ट्रेन का इंजन फेल हो गया और कुछ कोच की बिजली चली गई। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के टूंडला जंक्शन से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर ट्रेन के पिछले डिब्बे से संदिग्ध आवाजें आनी शुरू हो गई। इसके बाद पहियों में रुकावट आने लगी और पिछले कोच के पहिए जाम हो गए। ब्रेकिंग सिस्टम और बिजली सप्लाई में समस्या आने के बाद इंजीनियर इसे ठीक करने के लिए उत्तर रेलवे के संपर्क में है।
आपको बता दें कि शुक्रवार को ही पीएम मोदी ने नई दिल्ली से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। मेक इन इंडिया के तहत बनाई इस ट्रेन की स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन इसे 130 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चला जा रहा है। इसकी खासियत है कि इसमें कोई अलग से इंजन नहीं है। रेलगाड़ी में कुल 16 डब्बे लगे हैं। इसे बनाने में 97 करोड रुपए की लागत आई है। इस ट्रेन को शताब्दी एक्सप्रेस रेलगाड़ी का उत्तराधिकारी माना जा रहा है जो 30 साल पहले विकसित की गई थी। रेल मंत्री पीयूष गोयल इस ट्रेन की तारीफ करते नहीं थक रहे थे लेकिन अब ट्रेन के रुकते ही पीएम मोदी के दावों की पोल खुल गई है। तस्वीर एक बार फिर साफ हो गई कि रेलवे का हाल अब भी बेहाल है। अब तो सस्पेंस बुलेट ट्रेन पर भी खड़ा हो गया है।
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