सियासी जमीन पर हिंदुत्व का एजेंडा बीजेपी का सबसे बड़ा हथियार रहा है लेकिन अब यही हथियार उसकी कमजोरी बनता जा रहा है। जिसका फायदा विपक्ष उठाकर लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में है। यही वजह है कि मोदी सरकार अब फिर से हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने में जुटी है इसलिए सरकार ने बजट में किसान व बेरोजगारों पर खजाना खोलने के साथ ही गौ प्रेम भी दिखाया है।
जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं वैसे-वैसे राजनेताओं का गौ प्रेम भी उमड़ रहा है। अब तक केवल बीजेपी ही गाय के नाम पर हिंदुत्व के एजेंडे को भुनाती थी लेकिन कांग्रेस से लेकर आप तक सभी दल गाय प्रेम दिखाकर बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी की योजना बना रहे हैं। यही वजह है की बीजेपी को अपना वोट बैंक खिसकता हुआ नज़र आ रहा है। इसीलिए तो बजट में बीजेपी का गाय प्रेम झलक आया, बजट के बहाने हिंदुत्व का कार्ड खेलते हुए मोदी सरकार ने एक बड़ा एलान किया। पियूष गोयल ने कहा कि गौ माता के सम्मान में गौ माता के लिए यह सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी इसलिए सरकार कामधेनु योजना शुरू करने जा रही है। जिसके तहत राष्ट्रीय कामधेनु और राष्ट्रीय गोकुल आयोग बनाया जाएगा। इस योजना पर 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही पशुपालन के लिए कर्ज में दो फीसदी ब्याज में छूट भी मिलेगी व समय पर अपनी किस्त चुकाने वालों को ब्याज में तीन फीसदी की अतिरिक्त छूट मिलेगी।
इस ऐलान के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि गौ माता का सनातन संस्कृति और भारतवर्ष में अटूट रिश्ता है। मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय कामधेनु आयोग एक अभूतपूर्व कदम है। अब भले ही बीजेपी खुद को गौ प्रेमी बता रही है लेकिन उसे गौ माता की याद क्यों सताई यह जगजाहिर है। हर कोई जानता है कि हिंदुत्व के एजेंडे पर कांग्रेस के बढ़ते कदम सत्ता की राह में बीजेपी के कदमों को रोक सकते हैं। मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान तक तो कांग्रेस गौशाला खोलने और गायों की देखभाल करने का ऐलान कर हिंदुओं का कार्ड खेल चुकी है, यहीं कार्ड लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की मुश्किल बढ़ा सकता है। इसलिए बीजेपी भी फिर से गौ माता के बहाने हिंदुत्व को भुनाने में जुटी है। बीजेपी ने एक बार फिर अपना एजेंडा बुलंद कर दिया है अब देखना होगा की क्या अबकी बार बजट में गौ माता पर मेहरबान होने से बीजेपी का होगा बेड़ा पार।
उम्मीद करते हैं दोस्तों की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपका क्या कहना है इस बारे में हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।
जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं वैसे-वैसे राजनेताओं का गौ प्रेम भी उमड़ रहा है। अब तक केवल बीजेपी ही गाय के नाम पर हिंदुत्व के एजेंडे को भुनाती थी लेकिन कांग्रेस से लेकर आप तक सभी दल गाय प्रेम दिखाकर बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी की योजना बना रहे हैं। यही वजह है की बीजेपी को अपना वोट बैंक खिसकता हुआ नज़र आ रहा है। इसीलिए तो बजट में बीजेपी का गाय प्रेम झलक आया, बजट के बहाने हिंदुत्व का कार्ड खेलते हुए मोदी सरकार ने एक बड़ा एलान किया। पियूष गोयल ने कहा कि गौ माता के सम्मान में गौ माता के लिए यह सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी इसलिए सरकार कामधेनु योजना शुरू करने जा रही है। जिसके तहत राष्ट्रीय कामधेनु और राष्ट्रीय गोकुल आयोग बनाया जाएगा। इस योजना पर 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही पशुपालन के लिए कर्ज में दो फीसदी ब्याज में छूट भी मिलेगी व समय पर अपनी किस्त चुकाने वालों को ब्याज में तीन फीसदी की अतिरिक्त छूट मिलेगी।
इस ऐलान के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि गौ माता का सनातन संस्कृति और भारतवर्ष में अटूट रिश्ता है। मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय कामधेनु आयोग एक अभूतपूर्व कदम है। अब भले ही बीजेपी खुद को गौ प्रेमी बता रही है लेकिन उसे गौ माता की याद क्यों सताई यह जगजाहिर है। हर कोई जानता है कि हिंदुत्व के एजेंडे पर कांग्रेस के बढ़ते कदम सत्ता की राह में बीजेपी के कदमों को रोक सकते हैं। मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान तक तो कांग्रेस गौशाला खोलने और गायों की देखभाल करने का ऐलान कर हिंदुओं का कार्ड खेल चुकी है, यहीं कार्ड लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की मुश्किल बढ़ा सकता है। इसलिए बीजेपी भी फिर से गौ माता के बहाने हिंदुत्व को भुनाने में जुटी है। बीजेपी ने एक बार फिर अपना एजेंडा बुलंद कर दिया है अब देखना होगा की क्या अबकी बार बजट में गौ माता पर मेहरबान होने से बीजेपी का होगा बेड़ा पार।
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