भारत में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों का अब अपने देश से मोह भंग होता जा रहा है। एक बार भारत आ जाने वाले पाकिस्तानी नागरिक अब भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर रहे हैं। ऐसा पहले भी होता रहा है लेकिन पिछले कुछ समय से पाकिस्तानी नागरिकों के भारत की नागरिकता मांगने की संख्या बढ़ गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले 6 महीने में 10 के करीब आवेदन आया करते थे। लेकिन दिसंबर 2017 में आवेदन संबंधी नियमों में ढ़ील देने और आसान बनाने के बाद इस संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। और अब 6 महीने में करीब 50 से 60 पाकिस्तानी नागरिक भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर रहे है।
जानकारी मुताबिक जब से मुंबई पुणे ठाणे और नागपुर के जिला कलेक्टर को अधिकार दिए गए हैं। तब से विदेशियों को भारत में जिस शहर के लिए वीजा मिला है। उस शहर से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है। बता दे कि सिटीजनशिप एक्ट में साल 2015 में हुए संशोधन के बाद से जो पीआईओ वीसा 15 साल के लिए दिया जाता था। वह अब आजीवन होगा। जैसे ओसीआई का होता है।
इसके अलावा उस धारा को भी ख़त्म कर दिया है जिसके तहत भारतीय नागरिकों से शादी करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम लगातार 1 साल भारत में रहना जरूरी होता था। अब उन्हें 1 साल में 30 दिन के लिए विदेश जाने की इजाजत होगी। पीआईओ और ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया स्कीम के विलय के बाद भारतीय मूल के लोगों को हमेशा के लिए भारत में रहने की इजाजत होगी। उन्हें वह सभी अधिकार होंगे जो आम भारतीय नागरिकों को होते हैं। सिर्फ चुनाव में भाग लेने और वोट देने की अनुमति नहीं होगी। धन्यवाद।
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