नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है। 17 नवंबर को अक्षय नवमी है। कार्तिक का महीना है और शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है। इसे देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं। माना जाता है इस दिन पूरे 4 महीनों के बाद विष्णु भगवान सो कर उठते है। अक्षय नवमी के दिन किया गया दान अक्षय हो जाता है। इस दिन किया हुआ कोई भी काम अक्षय फल देता है। अगर आप इस दिन अच्छा कर्म करेंगे उसका अच्छा फल मिलेगा और यदि आप इस दिन बुरा कार्य करते है उसका आपको बुरा फल मिलता है
इस दिन आंवले का पूजन किया जाता है। मान्यता है आंवला भगवान विष्णु का ही स्वरूप है।अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा होती है। इस दिन बहुत जगह लोग आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करते हैं और ब्राह्मणों को खिलाते हैं। इस दिन स्वर्ण दान ,चांदी दान, गाय दान, इन सभी चीजों का आप दान करते हैं तो इसका फल आपको जरूर मिलता हैं। आप इस दिन को मिस मत कीजिएगा।
अक्षय नवमी का त्योहार हमारे हिंदू धर्म में बहुत पहले से ही चला आ रहा है। पहले बड़े-बड़े महात्मा लोग बड़े-बड़े विद्वान लोग इस पर्व को मनाते थे और आंवले के वृक्ष के नीचे ही भोजन भी बनाया जाता था। भोजन भी खाया जाता था। और साथ ही साथ इस दिन कहते हैं इस दिन सोने-चांदी आदि का दान किया जाता है। पर जिसके पास दान देने हेतु कुछ बहुमूल्य नहीं है वह अपनी श्रद्धा अनुसार कोई भी वस्तु दान कर सकता है। दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है या कहिए तो पाप नष्ट होता है।
अगर आप अक्षय नवमी के दिन 4:00 बजे ब्रह्म मुहूर्त में सुबह स्नान के पश्चात आंवले के वृक्ष की पूजा कर जल अर्पित करते है और एक दीपक जलाते है। आंवले के वृक्ष की परिक्रमा करते है। हाथ में धागा लेकर मनोरथ पूर्ण करने के लिए आंवले के वृक्ष में धागा बांधते है। और इस दिन दान करते है तो यह आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा।आपके घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी माँ लक्ष्मी जी आपसे प्रसन्न होंगी। धन्यवाद।
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