नमस्कार मित्रों, आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे की कैसे होगा कलयुग का अंत। श्रीमद्भागवत पुराण हिंदू धर्म की सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। इस ग्रंथ की रचना आज से लगभग 5000 साल पहले कर दी गई थी। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कलयुग में क्या-क्या घटित होगा इसकी भविष्यवाणी भागवत पुराण पहले ही कर दी गई थी। जानिए श्रीमद्भागवत पुराण में की गई कलयुग से जुड़ी कुछ भविष्यवाणियां।
पुरुष हो जाएंगे स्त्रियों के अधीन- दोस्तों भगवान श्री हरि विष्णु ने स्वयं महा ऋषि नारद जी को बताया है कि कलयुग में ऐसा समय आएगा जब सभी पुरुष स्त्रियों के अधीन हो कर अपना जीवन व्यतीत करेंगे। हर घर में पत्नी ही पति पर राज करेगी कलयुग में पतियों को अपनी पत्नियों डांट फटकार को सुनना पड़ेगा। पुरुषों की हालत नौकरों के समान हो जाएगी।
गंगा भी लौट जाएगी बैकुंठधाम को- भागवत पुराण के अनुसार कलयुग के 5000 साल बाद गंगा नदी सूख जाएगी और देवी गंगा पुनः बैकुंठधाम लौट जाएगी। जब कलयुग के 10000 वर्ष पूरे होंगे तब सभी देवी-देवता पृथ्वी को छोड़कर अपने-अपने धाम लौट जाएंगे। कलयुग में इंसान पूजा और सभी धार्मिक काम करना बंद कर देंगे क्योंकि उस समय तक हिंसा और पाप पृथ्वी के लोगों पर अपना एकाधिकार जमा चुकी होगी।
अन्न और फल भी खत्म हो जायेंगे- भागवत पुराण के अनुसार कलयुग में ऐसा समय भी आएगा जब जमीन से अन्न उपजना भी बंद हो जाएगा, पेड़ों पर फल नहीं लगेंगे और धीरे-धीरे यह सभी चीजें लुप्त हो जायेंगे।
चोर और अपराधियों की बढ़ोतरी हो जाएगी- दोस्तों इस काल में चोर और सिपाहियों की संख्या इतनी अधिक बढ़ जाएगी की आम इंसान ठीक से अपना जीवन व्यतीत नहीं कर पाएगा लोग एक दूसरे के प्रति हिंसक हो जाएंगे और सभी के मन में पाप और बुराई प्रवेश कर जाएगी। दोस्तों कलयुग के अंतर्गत एक ऐसा प्रलय आएगा ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार कलयुग के अंत समय में पृथ्वी पर बहुत मोटी धारा से लगातार होगी वर्षा होने में संपूर्ण पृथ्वी पर चारों ओर पानी ही पानी हो जाएगा और सभी प्राणियों का अंत हो जाएगा। इसके बाद 170000 वर्ष का संधि काल इस युग के अंत से दूसरे युग के प्रारंभ के बीच के समय को संधि काल कहते हैं। संधि काल के अंतिम चरण में एक साथ पृथ्वी पर 12 सूर्योदय होंगे और उनके तेज से संपूर्ण पृथ्वी सूख जाएगी और फिर से सतयुग का प्रारंभ होगा। उम्मीद करता हूं दोस्तों आपको हमारा आज का यह लेख पसंद आया होगा। धन्यवाद ।
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