नमस्कार दोस्तों, नवरात्रि और दशहरा पर्व खत्म हो गया है। नवरात्रि और दशहरे के बाद अब करवा चौथ का पर्व आएगा । करवा चौथ इस साल यह 28 अक्टूबर को पढ़ रहा है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और फिर चंद्रमा को देखकर अपना व्रत तोड़ती है। छलनी से चांद को देखने के साथ साथ महिलाएं अपने पति का चेहरा भी देखती है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से करवा चौथ कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। करवा चौथ के पर्व के दिन महिलाएं कुछ गलतियां करती हैं। हालांकि वह यह गलतियां जानबूझ कर नहीं करती है। पर अगर यह गलतियां ना की जाए तो खुशहाली आ सकती है।
आज के इस लेख में हम जानेंगे वह कौन से पांच काम है जो आपको करवा चौथ पर भूल से भी नहीं करने चाहिए। जिन्हे करने से आपका व्रत का पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाएगा। करवा चौथ के उपवास वाले दिन मान्यताओं के अनुसार यहां हमआपको ऐसी कुछ गलतियों के बारे में बताना चाहते है जिन्हें करवा चौथ के दिन कभी नहीं करना चाहिए।
पहली चीज अगर सुहागन स्त्रियां इस दिन व्रत रखती है तो वह इस दिन लाल रंग का ही कपड़ा ही पहने। या तो वह लाल रंग की साड़ी यह लहंगा पहने यह बहुत ही शुभ माना जाता है। लाल रंग में स्त्री सुंदर भी लगती है क्योंकि हिंदू धर्म में लाल रंग सुहागन और शुभ की निशानी माना जाता है। इसीलिए करवा चौथ के दिन स्त्री को लाल रंग के कपड़े पहने चाहिए अगर आप चाहती हैं कि करवा चौथ वाले दिन आपको पूजा और व्रत का फल मिले तो उस दिन गलती से भी नीले, भूरे और काले रंग के कपड़े कभी ना पहने यह अशुभ होते हैं।
दूसरी चीज जिन स्त्रियों ने इस दिन करवा चौथ का व्रत रखा है उसे गलती से भी किसी और व्यक्ति को दूध, सफेद कपड़ा, दही, चावल जैसी नहीं देनी चाहिए।
तीसरी चीज करवा चौथ वाले दिन महिलाओं को अपने से बड़ी उम्र के किसी भी बुजुर्ग महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। वैसे तो यह हमेशा ही गलत होता है। लेकिन इस स्पेशल दिन करवा चौथ के दिन उन्हें किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए और उन्हें किसी की भी चुगली नहीं करनी चाहिए ऐसा करना व्रत में अशुभ माना जाता है।
चौथी और बहुत ही जरूरी बात चांद देखने से पहले महिलाओं को मां गौरी की पूजा करना नहीं भूलना है। पूजा अर्चना करने के बाद माँ को पूरी और हलवा का प्रशाद जरूर अर्पण करना चाहिए।
पांचवी चीज है इस दिन कैंची, सेफ्टी पिन और सुई-धागे जैसी धार दार वस्तुओं का प्रयोग बिलकुल भी न करें। इस बार आपको पुजा मुहरत के अंदर करना अति आवश्यक है तभी आपको व्रत का फल मिलेगा। इस बार मुहरत का समय सिर्फ 1 घंटा 18 मिनट ही है।
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