जब से योगी आदित्यनाथ जी ने हनुमान जी को दलित बताया है तभी से अलग-अलग जाति के नेता हनुमान जी को उनकी जाति का बता रहे हैं। दोस्तों हनुमान जी हर हिंदू के फेवरेट रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई हनुमान जी का भक्त है। शायद इसी वजह से हर एक जाति को लोग उन्हें अपनी जाति का बताते रहे हैं। हमारा मानना है ईश्वर को जाती के आधार पर बैठना बहुत ही गलत है। पर अब यह मुद्दा गरमा ही गया है तो हम आपको हनुमान जी के जन्म और उनके माता-पिता के बारे में विस्तार से बताते है। जिसे जानने के बाद आप अपने आप ही बता देंगे कि हनुमान जी किस जाति के हैं और किसके नहीं, आइए जानते है।
भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी का जिक्र रामायण के साथ महाभारत और पुराणों और जैन, बौद्ध और सिखों के धार्मिक ग्रंथों में भी है। हनुमान जी भगवान शिव के अवतार हैं। उनकी मां का नाम अंजना और पिता का नाम केसरी है।
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
हनुमान जी की इस चौपाई में कहा गया है अंजनी पुत्र पवनसुत नामा, यानी हनुमान अंजनी और पवन देव के पुत्र है। अब दिमाग में ख्याल आता है कि जब हनुमान जी की मां अंजनी के पति केसरी थे तभी हनुमान जी को केसरी नंदन कहा जाता है। तो पवन देव को उनका क्यों कहा जाता है? दोस्तों हनुमान जी की माता अंजनी एक वानर राजकुमारी यानी बंदर योनि में पैदा हुई एक राजकुमारी थी। एक श्राप के चलते उन्होंने वानर के रूप में धरती पर जन्म लिया था। अंजनी के पति केसरी भी एक बहुत ही ताकतवर, बहादुर और चंचल थे। वह सुग्रीव की वानर सेना के प्रमुख थे। उन्होंने सुग्रीव की सेना के साथ लंका की लड़ाई भी लड़ी थी।
शादी के बाद अंजनी और केसरी ने तेजस्वी बच्चे की प्राप्ति के लिए भगवान शिव की प्रार्थना की और भगवान शिव के कहने पर पवन देव ने शिव भगवान के तेज यानी पौरुष को अंजना के गर्भ में लाकर छोड़ दिया। कुछ समय बाद अंजनी ने वर्तमान कर्नाटक में एक गुफा के भीतर हनुमान जी को जन्म दिया। इस तरह शिव भगवान के अवतार को अंजनी और केसरी के पुत्र के रूप में पैदा करवाने में मदद करने के लिए हनुमान जी को पवन पुत्र हनुमान कहा जाने लगा। तो दोस्तों आप ही बताओ हनुमान जी की जाति क्या है? हमारे विचार से तो हनुमान जी जाती-पाती से कोसों दूर है और क्या खुद भगवान की कोई जाति भी हो सकती है क्या? यह जातियां तो हम इंसानो ने बनाई है ना कि भगवानों ने। दोस्तों आप मेरी बात से सहमत हैं या नहीं? यह कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।
एक बात बहुत कम लोग जानते है कि हनुमान जी की मां माता अंजना की भी पूजा की जाती है। वह बिच्छू की सवारी करती हैं। हिमाचल प्रदेश में तो कई जगह उन्हें कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। यदि वंहा किसी व्यक्ति को बिच्छू काट लेता है तो बिच्छू के असर को खत्म करने के लिए अंजना माता की पूजा की जाती है।
उम्मीद करते हैं दोस्तों की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। ऐसी ही कई अन्य जानकारियों के लिए बने रहिए हमारे साथ। हमारे साथ जुड़ने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद, क्योंकि आप हैं तो हम हैं। जय हनुमान। जय श्री राम।
भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी का जिक्र रामायण के साथ महाभारत और पुराणों और जैन, बौद्ध और सिखों के धार्मिक ग्रंथों में भी है। हनुमान जी भगवान शिव के अवतार हैं। उनकी मां का नाम अंजना और पिता का नाम केसरी है।
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
हनुमान जी की इस चौपाई में कहा गया है अंजनी पुत्र पवनसुत नामा, यानी हनुमान अंजनी और पवन देव के पुत्र है। अब दिमाग में ख्याल आता है कि जब हनुमान जी की मां अंजनी के पति केसरी थे तभी हनुमान जी को केसरी नंदन कहा जाता है। तो पवन देव को उनका क्यों कहा जाता है? दोस्तों हनुमान जी की माता अंजनी एक वानर राजकुमारी यानी बंदर योनि में पैदा हुई एक राजकुमारी थी। एक श्राप के चलते उन्होंने वानर के रूप में धरती पर जन्म लिया था। अंजनी के पति केसरी भी एक बहुत ही ताकतवर, बहादुर और चंचल थे। वह सुग्रीव की वानर सेना के प्रमुख थे। उन्होंने सुग्रीव की सेना के साथ लंका की लड़ाई भी लड़ी थी।
शादी के बाद अंजनी और केसरी ने तेजस्वी बच्चे की प्राप्ति के लिए भगवान शिव की प्रार्थना की और भगवान शिव के कहने पर पवन देव ने शिव भगवान के तेज यानी पौरुष को अंजना के गर्भ में लाकर छोड़ दिया। कुछ समय बाद अंजनी ने वर्तमान कर्नाटक में एक गुफा के भीतर हनुमान जी को जन्म दिया। इस तरह शिव भगवान के अवतार को अंजनी और केसरी के पुत्र के रूप में पैदा करवाने में मदद करने के लिए हनुमान जी को पवन पुत्र हनुमान कहा जाने लगा। तो दोस्तों आप ही बताओ हनुमान जी की जाति क्या है? हमारे विचार से तो हनुमान जी जाती-पाती से कोसों दूर है और क्या खुद भगवान की कोई जाति भी हो सकती है क्या? यह जातियां तो हम इंसानो ने बनाई है ना कि भगवानों ने। दोस्तों आप मेरी बात से सहमत हैं या नहीं? यह कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।
एक बात बहुत कम लोग जानते है कि हनुमान जी की मां माता अंजना की भी पूजा की जाती है। वह बिच्छू की सवारी करती हैं। हिमाचल प्रदेश में तो कई जगह उन्हें कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। यदि वंहा किसी व्यक्ति को बिच्छू काट लेता है तो बिच्छू के असर को खत्म करने के लिए अंजना माता की पूजा की जाती है।
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