नमस्कार दोस्तों, आशा जी ने एक गाने में कहा है कि प्यार जिंदगी है उसी गाने में उन्होंने दो बार ऐसा कहा कि प्यार बंदगी है। दूसरा एक गाना ताल मूवी का जिसमें अक्षय खन्ना कहते हैं कि यह इश्क है क्या यह किसको पता तभी शाहरुख खान आते है और कहते कि प्यार दोस्ती है। ऐसी बहुत सारी मूवीस है, स्टोरी है और गाने है जिन्होंने प्यार को अलग-अलग तरह का दर्जा दिया है और यही वजह है लोग एक ही बात कहते है की प्यार बड़ा कॉम्प्लिकेटेड है। कोई बात नहीं इसे थोड़ा आसान करते है और चलिए जानते है क्या है प्यार।
मेरा मानना है बहुत आसान है यह प्यार। जब आप किसी इंसान को मिलो और उसको मिलते-मिलते जब आप खुद को मिलते हो ना वह है प्यार। जब आप किसी इंसान को जानो और उसको जानते-जानते आप खुद को पहचानो शायद वह है प्यार। किसी की आंखो में उनको देखते-देखते जब आप अपने आप को देखना शुरू कर देते हो न शायद वह है प्यार।
किसी की आंखों में आपके लिए जो प्यार है उस प्यार को पा के जब आपको खुद के लिए प्यार होना शुरू हो जाये न शायद वह है प्यार। किसी के सामने या पास में बैठे हो तो वक्त को भी ऐसा अगर लगने लगे कि ठीक है थोड़ी देर बैठ जाता हूं शायद वह है प्यार और थोड़ी देर बाद जब घड़ी देखो तो आपको और वक़्त को दोनों को ऐसा लगे कि इतना वक्त कब गुजर गया पता ही नहीं चला शायद वह है प्यार।
किसी के साथ संबंध में हो पर बंधन में ना हो शायद वह है प्यार। जब सामने वाले से जज होने का डर ना हो और सामने वाले को जज होने का डर ना हो ,जब दोनों में एक सी फीलिंग, एक सा एहसास आ जाये शायद वह है प्यार और आखिर बात जिसको आप कभी डिफाइन ना कर पाओ पर वह आपको डिफाइन भी कर जाए और फाइन भी कर जाए वह फीलिंग है प्यार। शायद यही है प्यार। दोस्तों आपके लिए क्या है प्यार ?कोई इंसान है, कोई वस्तु है, कोई जानवर है, क्या है प्यार ? हमें कमेंट कर के जरूर बताएं।
मेरा मानना है बहुत आसान है यह प्यार। जब आप किसी इंसान को मिलो और उसको मिलते-मिलते जब आप खुद को मिलते हो ना वह है प्यार। जब आप किसी इंसान को जानो और उसको जानते-जानते आप खुद को पहचानो शायद वह है प्यार। किसी की आंखो में उनको देखते-देखते जब आप अपने आप को देखना शुरू कर देते हो न शायद वह है प्यार।
किसी की आंखों में आपके लिए जो प्यार है उस प्यार को पा के जब आपको खुद के लिए प्यार होना शुरू हो जाये न शायद वह है प्यार। किसी के सामने या पास में बैठे हो तो वक्त को भी ऐसा अगर लगने लगे कि ठीक है थोड़ी देर बैठ जाता हूं शायद वह है प्यार और थोड़ी देर बाद जब घड़ी देखो तो आपको और वक़्त को दोनों को ऐसा लगे कि इतना वक्त कब गुजर गया पता ही नहीं चला शायद वह है प्यार।
किसी के साथ संबंध में हो पर बंधन में ना हो शायद वह है प्यार। जब सामने वाले से जज होने का डर ना हो और सामने वाले को जज होने का डर ना हो ,जब दोनों में एक सी फीलिंग, एक सा एहसास आ जाये शायद वह है प्यार और आखिर बात जिसको आप कभी डिफाइन ना कर पाओ पर वह आपको डिफाइन भी कर जाए और फाइन भी कर जाए वह फीलिंग है प्यार। शायद यही है प्यार। दोस्तों आपके लिए क्या है प्यार ?कोई इंसान है, कोई वस्तु है, कोई जानवर है, क्या है प्यार ? हमें कमेंट कर के जरूर बताएं।
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