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Monday, December 31, 2018

2019 में टॉपर बनना चाहते हो, तो इस तरह बनाओ अपने लक्ष्य


लोग इतनी आसानी से किसी बात को स्वीकार नहीं करते हैं जब आप किसी काम में लगे हुए हैं, कुछ नया करने का प्रयास कर रहे हैं तो उन्हें  यह बर्दाश्त नहीं होता है। यह खासकर वह लोग होते हैं जो आप को जानते हैं। स्वामी विवेकानंद को अमेरिका में बहुत सम्मान मिला लेकिन जब वह वापस अपने गांव आए और लोगों को उनके बारे में पता लगा तो उनका रिएक्शन बिल्कुल सही नहीं था। गांव के लोग बोले यह हमारे पास का लड़का ऐसा नहीं हो सकता, इतना इंटेलिजेंट और अच्छा नहीं हो सकता है। अधिकतम लोग उसी बात को स्वीकार करते हैं जो उनकी रेंज, उनकी पहुंच से बाहर हो जाती है। वह उसी पर यकीन करते हैं कि हां वह ऐसा कर सकता है, वह ऐसा हो सकता है क्योंकि वह उनको जानते ही नहीं होते है, जैसे- अगर हम साइकिल पर चलें तो हमें गरीब कहा जाएगा और अगर कोई पैसे वाला व्यक्ति साइकिल चलाये तो यह माना जाता है वह अपनी फिजिकल फिटनेस के लिए ऐसा कर रहा है। यह हमारी सोच होती है।

कोलंबस अमेरिका की खोज के लिए जाना चाहता था पुर्तगाल, फिनलैंड समेत सभी देशों के राजाओं ने, उनके मंत्रियों ने उन्हें मना कर दिया लेकिन अंत में स्पेन के राजा-रानी ने उनको मद्दद करनी चाहि पर उनके मंत्री ने कहा यह व्यक्ति पागल है, यह खुद तो मरेगा ही साथ ही नुकसान करवाएगा, यह अपने साथ जो लोग लेकर जाना चाहता है वह सभी मर जाएंगे। उनके मना करने के बावजूद महारानी ने अपनी ज्वेलरी को राजकोष में जमा करवाकर वहां से कुछ पैसे लेकर कोलंबस को दे दिए ताकि उसे अपनी यात्रा में मदद मिले।

कुछ समय बाद जब कोलंबस यात्रा से वापस आया और उसकी यात्रा कामयाब रहीं रानी ने सभी राजाओं को और मंत्रियो को बुलाकर एक भोज का आयोजन किया। सभी लोगों ने कहा हमें पता था यह ऐसा कर सकता है, यह ऐसा करके दिखाएगा, ऐसा तो कोई भी कर सकता है, कोई बड़ी बात नहीं है। कोलंबस सोच कर हैरान रह गया कि ये सभी लोग जाने को मना कर रहे थे और अब कह रहे हैं ये कोई भी कर सकता है।

तभी कोलंबस को एक विचार सुझा उसने अपने हाथ में एक अंडा लिया और वह मौजूद लोगो से पूछा क्या कोई इस अंडे को खड़ा कर सकता है। लोगों ने कहा हमें पता था यह भूखा प्यासा पानी में चल-चल के पागल हो गया है, दूर तक पानी-पानी देख कर इसकी मानसिक स्थिति ख़राब हो गयी है भला अंडा भी कोई खड़ा कर सकता हैं। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें उबले अंडे के अंदर एक खाली जगह रहती है। कोलंबस ने उस अंडे को  मेज पर देकर मारा जिससे अंडे का एक हिस्सा अंदर धस गया और अंडा मेज पर खड़ा हो गया। लोगों ने कहा इसमें तो कोई खास बात नहीं है, इसमें कोई बड़ी बात नहीं है यह तो कोई भी कर सकता है।

कोलंबस ने कहा एक रास्ता बनने के बाद उस पर कोई भी चल सकता है और कितने भी लोग जा सकते हैं और तब उन्हें कोई मुश्किल भी नहीं होती है। मुश्किल होता है सिर्फ रास्ता बनाना, शुरुआत करना। लोग बदलाव कर कुछ नया करने के लिए कदम नहीं उठाना चाहते है और जो  ऐसा करते हैं वे उन्हें बर्दाश्त नहीं होता है। हो सकता है लोग आपके बारे में भी ऐसा ही सोचे लेकिन रुकना नहीं है, ध्यान अपने लक्ष्य पर लगाए रखो और आगे बढ़ते रहो। आपको किसी को भी साबित करके दिखाने की जरूरत नहीं है बस अपनी धुन में लगे रहो और अपनी ताकत खुद बने रहो। लोग तो हवा के साथ बहते हैं कभी यहां कभी वहां जाते हैं तुम अपने लक्ष्य पर नजर लगा के रखो बाकी तो अपनी किस्मत पर रोते हैं।

उम्मीद करते हैं दोस्तों कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। आपका क्या कहना है इस बारे में हमें कमेंट करके जरूर बताएं साथ ही ऐसी  कई अन्य जानकारियों के लिए बने रहिए हमारे साथ। धन्यवाद।

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