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Thursday, January 3, 2019

चाणक्य नीति- मतलबी दोस्त इन 6 परिस्थिति में आपका कभी साथ नही देता है, पहचान लें

आचार्य चाणक्य एक महान ज्ञानी के साथ-साथ एक अच्छे नीति कार भी थे। उन्होंने अपनी नीतियों में मनुष्य के जीवन को सुखकर बनाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बताई है जो भी मनुष्य उनकी नीतियों का पालन करता है वह जीवन में अवश्य सफल होता है। आज के लेख में हम आपको आचार्य चाणक्य जी द्वारा बताई हुई ऐसी 6 परिस्थितियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो भी इन 6 परिस्थितियों में आपका साथ नहीं देता वह आपका सच्चा मित्र नहीं होता है। वह केवल अपने स्वार्थ के लिए के साथ रहता है तो आइए जानते हैं।
आचार्य चाणक्य अपने श्लोक में कहते हैं-

आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षेत्र शत्रुसंकटे।
राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बांधव:।

उपरोक्त श्लोक में आचार्य चाणक्य जी कहते है जो व्यक्ति इन 6 परिस्थितियों में आपका साथ नहीं देता वह आपका सच्चा मित्र नहीं होता है।

बीमारी के समय- जब आप किसी भयंकर बीमारी से ग्रस्त हो उस समय जीवन बहुत ही सारे कष्टों से भरा होता है। ऐसे समय में जब कोई आपका साथ देता है तो वही आपका सच्चा मित्र होता है। ऐसे समय में आपसे दूर भागने वाले लोग इतने दिनों तक स्वयं की स्वार्थ के कारण ही आपके साथ रहते थे। वह आपके कभी सच्चे मित्र नहीं हो सकते।

दुख के समय- जिस समय आप को सबसे ज्यादा मित्र की जरूरत होती है ऐसे समय जो भी आपको मदद करता है वही आपका सच्चा मित्र होता है। घर में दुख की घड़ी है, बहुत बुरे हालात है ऐसे समय में जो आपका साथ देता है वही सच्चा मित्र होता है। दुख की घड़ी में आपसे दूर भागने वाले लोग स्वार्थी होते हैं।

अकाल के समय- जब कभी अकाल पड़ जाए और खाने-पीने के संसाधन मिलने मुश्किल हो रहे हो ऐसे समय में सभी लोग स्वार्थी बनकर अपने खान-पान की चीजें किसी को नहीं देते। लोग एक दूसरे को पानी तक नहीं पिलाते। ऐसे समय में अगर कोई व्यक्ति आपकी मदद करता है, आपका साथ देता है वही आपका सच्चा मित्र होता है।

शत्रु का संकट- जब भी कभी आप के ऊपर कोई शत्रु का संकट आ जाए, कोई शत्रु आप पर हमला कर दे ऐसे समय में कुछ लोग स्वयं के ही प्राण की चिंता कर दूर भागने लगते हैं। लेकिन जो भी व्यक्ति इस मुश्किल घड़ी में आपके साथ खड़ा होकर शत्रु के संकट का सामना करता है केवल वही व्यक्ति आपका सच्चा मित्र होता है।

शासकीय कार्यों में- जब भी आप किसी मुकदमे, केस में फँस जाएं और सभी आपको दोषी ना होते हुए भी आपको दोषी मानते हो, आपसे दूरियाँ बनाते हो। ऐसे समय में जो भी व्यक्ति आप पर विश्वास कर आपके साथ खड़ा होता है और आपको मदद करता है वही व्यक्ति आपका सच्चा मित्र होता है।

श्मशान में- जब भी आपके किसी अपने की मृत्यु हो जाती है और जिसकी वजह से घर में मायूसी आ जाती है और ऐसी घड़ी में किसी भी व्यक्ति मनोबल टूट सकता है। ऐसे समय में जो भी आपके साथ रहकर आपको मज़बूती से आगे बढ़ने का साहस दिलाता है वही आपका सच्चा मित्र होता है।

तो दोस्तों यह थी वह 6 परिस्थिति और जो व्यक्ति इनमें आपका साथ नहीं देता वह आपका मित्र नहीं होता है। वह केवल अपने स्वार्थ के लिए ही आपके साथ रहता है। आपका क्या कहना है इस बारे में? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। धन्यवाद।

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